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NCP chief Sharad Pawar, Former Union Minister Yashwant Sinha and Congress leader Prithviraj Chavan flag off 21-day long Mumbai-Delhi 'Gandhi Shanti Yatra' to oppose the Citizen Amendment Act (CAA) 2019, from Gateway of India, in Mumbai.

सीएए का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा : यशवंत सिन्हा

नई दिल्ली | भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर भगवा पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा ने बेवजह इस अधिनियम को देश पर थोपने का काम किया है और इसका खामियाजा उसे देर-सबेर भुगतना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि यशवंत सिन्हा सीएए और एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) के खिलाफ मुंबई से नौ जनवरी को शुरू हुई ‘गांधी शांति यात्रा-2020’ की अगुआई कर रहे हैं। तमाम राज्यों से होती हुई यह यात्रा शनिवार को उप्र में प्रवेश कर जाएगी। उप्र में सबसे पहले यात्रा आगरा पहुंचेगी, और उसके बाद लखनऊ जाएगी। यात्रा का समापन 30 जनवरी, 2020 को दिल्ली स्थित राजघाट पर होगा।

यशवंत सिन्हा ने आईएएनएस के साथ फोन पर हुई बातचीत में शुक्रवार को कहा, “सीएए देश पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा थोपा गया है। आज नहीं तो कल सही, सच्चाई सामने आएगी और इस बेजा और देश की जनता के विरोध में उठाए गए कदम का खामियाजा भाजपा को भोगना पड़ेगा।”

उन्होंन मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई इस यात्रा को अपने आप में अनोखा और शांतिपूर्ण बताया, जो महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान का सफर तय करने के बाद गुरुवार को राजस्थान पहुंची है।

भाजपा के रणनीतिकारों में शुमार रहे देश के पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा आखिर अब भाजपा की ही नीतियों के खिलाफ मैदान में क्यों उतर आए हैं? उन्होंने कहा, “मैं नीति के प्रति समर्पित हूं। बेवजह के ‘रण’ में अबतक के कई दशक के राजनीतिक जीवन में मैं कभी नहीं उतरा। जब तक भाजपा ने देशहित की बात की, मैं साथ रहा। यह सब विचारों के मिलने और न मिलने पर निर्भर करता है। नीतियां बनती-बिगड़ती रहती हैं। विचार इंसान के अपने होते हैं।”

सीएए विरोधी इस गांधी शांति यात्रा में मुंबई से ही सिन्हा के चल रहे समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आई. पी. सिंह ने कहा, “भाजपा इस शांति यात्रा को बीच में ही समाप्त कराने की रणनीति बनाती रह गई। हम लोग तब तक कई राज्य पार कर आए। करनी-कथनी में अगर फर्क न हो तो किसी भी अच्छे काम में देर नहीं लगती। न ही कोई बाधा पहुंचा सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह गांधी शांति यात्रा किसी एक की नहीं है, सबकी है। भाजपा द्वारा थोपे गए सीएए के शांतिपूर्ण विरोध का इससे बेहतर तरीका शायद यशवंत सिन्हा जैसे वरिष्ठ और अनुभवी शख्शियत की नजर में दूसरा नहीं रहा होगा। लेकिन इस शांतिपूर्ण गांधी शांति यात्रा के पीछे भी केंद्र की भाजपा और उप्र की योगी सरकार पड़ी है। अब जब शनिवार यानी 25 जनवरी को यात्रा आगरा में प्रवेश के साथ उप्र में पांव रख रही है तो भी योगी की सरकारी मशीनरी इसमें बाधा उत्पन्न करने का षड्यंत्र रच रही होगी। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि यात्रा का उद्देश्य वोट बटोरना नहीं, भाजपा की देश विरोधी नीतियों का शांतिपूर्ण विरोध करना है।”

यह गांधी शांति यात्रा 26 जनवरी यानी यानी गणतंत्र दिवस के दिन रविवार को समाजवादी पार्टी के गढ़ समझे जाने वाले इटावा के सैफई में पहुंचेगी। सैफई से सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी यात्रा में शामिल हो जाएंगे। उसके बाद यात्रा यशवंत सिन्हा और अखिलेश यादव के दिशानिर्देशन में 27 जनवरी यानी सोमवार को लखनऊ पहुंचेगी।

–आईएएनएस

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