इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के एडिशनल डीसीपी संजय कुमार सहरावत के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मामला दर्ज किया है।
सीबीआई प्रवक्ता आर के गौड ने बताया कि आरोप है कि संजय ने नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। सीबीआई ने एक शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 419/420/467/468/471 के तहत जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
संजय कुमार सहरावत दिल्ली पुलिस के पू्र्वी जिले में एडिशनल डीसीपी के पद पर तैनात हैं।
नौकरी पाने के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों को बरामद करने के लिए एडिशनल डीसीपी संजय के पीतमपुरा और सिंघु बार्डर के घरों और दफ्तर में सीबीआई द्वारा तलाशी ली गई।
संजय कुमार दानिप्स सेवा (दिल्ली अंडमान निकोबार द्वीपसमूह ) के 2011 बैच का अफसर हैं।
सीबीआई के अनुसार संजय कुमार ने नौकरी पाने के लिए समान नाम वाले व्यक्ति के दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था।
केंद्रीय संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा पास करने पर ही दानिप्स सेवा में भी चयन होता हैं। नौकरी के लिए सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच की जाती हैं।
अफसर बनाने में कौन कौन शामिल-
इस मामले से दस्तावेजों की जांच किए जाने की प्रक्रिया पर भी सवालिया निशान लग जाता हैं।
जाली दस्तावेजों के आधार पर संजय कुमार न केवल दानिप्स सेवा में पुलिस अफसर बन गया बल्कि 9 सालों तक उसकी जालसाजी का किसी को पता नहीं चला।
इस मामले की पूरी जांच से ही यह पता चल पाएगा कि जाली दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने में संजय कुमार ने किस किस से सांठगांठ की थी।
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