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सीबीआई ने रत्नाकर बैंक  के दो अधिकारियों को 30 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। एक करोड़ रुपए रिश्वत मांगी

 इंद्र वशिष्ठ 
सीबीआई  ने अहमदाबाद के रत्नाकर बैंक लिमिटेड के कृषि प्रभाग के क्षेत्रीय प्रमुख और वसूली प्रमुख, रत्नाकर बैंक लिमिटेड पुणे को 30 लाख रुपए  रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है।
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने  बताया कि मूल्यांकन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक करोड़ रुपए रिश्वत मांगने की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर किया गया।
आरोप है कि शिकायतकर्ता ने अपने 12 पारिवारिक सदस्यों के साथ, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की बागवानी योजना, जिसमें सरकार 56 लाख रुपए की कुल प्रोजेक्ट कीमत तक के प्रत्येक प्रोजेक्ट के लिए  50% की दर से आर्थिक सहायता(सब्सिडी) देती है, के तहत उत्पादन एवं उत्पादन के बाद के प्रबन्धन के माध्यम से व्यावसायिक बागवानी  के विकास के तहत एग्री टर्म लोन के लिए आवेदन किया।आर्थिक सहायता(सब्सिडी) की अनुपलब्धता के कारण, शिकायतकर्ता एवं उसके पारिवारिक सदस्यों का एग्री टर्म लोन गैर निष्पादित संपत्ति(एनपीए) घोषित हुआ और आर्थिक सहायता(सब्सिडी) प्राप्त करने के लिए गिरवी संपत्तियों हेतु  मूल्यांकन प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी। परस्पर बातचीत पर रिश्वत धनराशि 30 लाख रुपए तय हुई।
सीबीआई ने जाल बिछाया और रत्नाकर बैंक, अहमदाबाद के क्षेत्रीय प्रमुख  निमेश मंगर को 30 लाख रुपए की रिश्वत की माँग करने और स्वीकार करने पर पकड़ा। बाद में, रत्नाकर बैंक लिमिटेड पुणे के रिकवरी हेड सौरभ भसीन को भी पकड़ा। दोनों आरोपियों के अहमदाबाद, पुणे,दिल्ली स्थित कार्यालय एवं आवासीय परिसरों सहित पाँच स्थानों पर तलाशी ली गई।

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