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New Delhi: External Affairs Minister Sushma Swaraj addressing Rajya Sabha in Parliament on March 20, 2018. External Affairs Minister Sushma Swaraj declared that thirty-nine Indians kidnapped by the Islamic State in Iraq's Mosul in 2014 are dead. (Photo: TV Grab/IANS)

सुषमा को पहले हमें सूचित करना चाहिए था : परिवार

चंडीगढ़: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को चाहिए था कि इराक में इस्लामिक स्टेट द्वारा 39 भारतीयों के मारे जाने की खबर संसद में जाहिर करने से पहले वह शोकसंतप्त परिवारों को इस बारे में सूचित करतीं। यह भावनात्मक उद्गार स्वर्ण सिंह के हैं, जिनके संबंधी 39 अगवा भारतीयों में शामिल हैं। इन 39 भारतीयों की 2014 में इराक के मोसुल में इस्लामिक स्टेट ने नृशंस तरीके से हत्या कर दी थी।

सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “यह परिवारों के साथ क्रूरता से कम नहीं है, जो अपने लड़कों की सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे थे। मंत्री को हमारे ऊपर वज्रपात करने से पहले हमे इस बारे में सूचित करना चाहिए था।”

सरकार ने पहले अविश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा किया और कहा कि वे सुरक्षित हैं और उन्हें बंधक बनाकर अज्ञात स्थान पर रखा गया है।

उन्होंने कहा, “बाद में एक अन्य अविश्वसनीय स्रोत के हवाले से सरकार ने कहा कि उन्हें मस्जिद में बंधक बनाया गया है। लेकिन यह भी गलत साबित हुआ।”

उन्होंने कहा, “इसकी भी बहुत संभावना है कि उनके द्वारा आज किया गया दावा भी गलत है।”

उन्होंने कहा, “पीड़ितों के परिवार केंद्र सरकार पर उन्हें अंधेरे में रखने पर मामला दाखिल कर सकते हैं।”

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मारे गए लोगों में से 27 पंजाब से हैं, जबकि चार पड़ोसी हिमाचल प्रदेश से हैं।

गुरुदासपुर जिले के बटाला गांव के धर्मेद्र कुमार की मां कंवलजीत कौर ने कहा, “मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी है। मैंने उसके लिए कुछ लड़कियां देखी है और उसे दूल्हे के रूप में देखने का उत्सुकता के साथ इंतजार कर रही हूं।”

–आईएएनएस

 

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