नई दिल्ली | दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की एक विशेष पहल की है। बाहरी दिल्ली स्थित स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज बिजली संबंधी अपनी सभी आवश्यकताओं को सौर ऊर्जा के जरिए पूरा करेगा। इतना ही नहीं दिल्ली विश्वविद्यालय का यह कॉलेज अपनी क्षमता से अधिक बिजली का उत्पादन करेगा, जिसका लाभ अन्य लोगों को भी मिल सकेगा। दिल्ली के अलीपुर में स्थित स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में 50 किलो वाट का सौर ऊर्जा उपकरण लगाया गया है। कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर प्रवीण गर्ग ने कहा, “कॉलेज की उर्जा जरूरत को मद्देनजर रखते हुए यह आवश्यक कदम उठाया गया है। सौर ऊर्जा उपकरण के द्वारा अब कॉलेज स्वयं बिजली की जरूरतों की पूर्ति करेगा। साथ ही विद्युत विभाग को सौर ऊर्जा के द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त बिजली भी देगा।”
दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने कहा, “श्रद्धानंद कॉलेज में लगाया गया यह सौर ऊर्जा उपकरण कॉलेज के लिए उपयोगी एवं महत्वपूर्ण पहल है।”
मंगलवार को स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में 50 किलो वाट का सौर ऊर्जा प्लांट का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर सामाजिक चिंतक प्रफुल्ल अकांत ने इसको देश एवं समाज की उन्नति हेतु सराहनीय कदम कहा।
प्रबुद्ध समाज चिंतक डॉ. बालमुकुंद पांडे ने देश को स्वावलंबी बनाने में स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज के प्राचार्य की प्रशंसा की, साथ ही देश के अन्य संस्थान भी इस और कदम बढ़ाएं ऐसी कामना की। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा एक स्वच्छ एवं अक्षय ऊर्जा का स्रोत है, इसे हम सभी को अपनाना चाहिए।
स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज की प्रबंध समिति के चेयरमैन प्रोफेसर सतीश अवस्थी ने इस कार्य की प्रशंसा की, साथ ही बताया कि दिल्ली के वायुमंडल को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रखने में स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज हमेशा अग्रसर रहता है। अभी कुछ समय पूर्व इसी कॉलेज में सघन वन का निर्माण भी किया है।
इससे पहले अक्टूबर माह में शिवपुर स्थित भारतीय अभियांत्रिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में सोलर पीवी हब शुरू किया गया था। आईआईईएसटी शिवपुर को बंगाल इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से भी जाना जाता है। यहां सोलर हब के निर्माण से सौर ऊर्जा गतिविधियों में संलग्न पूर्वी तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कई उद्योगों और अनुसंधान संगठनों को लाभ हो रहा है।
–आईएएनएस
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