शिमला| मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने गुरुवार को ट्रांस-गिरी के हट्टी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया। सिरमौर जिले में जो 1967 से मामला लंबित था। मतदाताओं को लुभाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को उन्हें उत्तराखंड में बसे उनके समकक्षों की तर्ज पर एसटी का दर्जा दिया।
हट्टी संघर्ष समिति के बैनर तले भाजपा नेता और कांग्रेस दोनों से – जिन्होंने बड़े पैमाने पर राज्य पर शासन किया है- उन्हें आदिवासी का दर्जा देने के लिए कह रहे थे।
कैबिनेट ने 12 साल की लगातार सेवा पूरी कर चुके अंशकालिक पंचायत चौकीदारों को दैनिक वेतन भोगी पंचायत कर्मचारी बनाने का भी फैसला किया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इसने संविधान के संस्थापक के सम्मान में हर जिले में एक कॉलेज के पुस्तकालय का नाम बदलकर डॉ. भीम राव अंबेडकर जिला पुस्तकालय करने का फैसला किया।
इसने शिमला जिले के चौपाल की नेरवा तहसील में फल आधारित वाइनरी संयंत्र स्थापित करने के लिए साइडर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को आशय पत्र जारी करने का निर्णय लिया।
इसके अतिरिक्त, हिमाचल नेक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में आशय पत्र जारी करने की स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्री-परिषद ने विभिन्न पदों के सृजन के साथ-साथ मंडी जिले के जंजैहली में नया वन प्रभाग (वन्यजीव) खोलने का निर्णय लिया।
–आईएएनएस
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