नई दिल्ली: रंगा बदूक ट्रस्ट, बंगलुरु ऐमचूर थिएटर टीम ने “जनक जाते जानकी” नामक नाटक के द्वारा कला के क्षेत्र में एक साथ 3 रिकॉर्ड कायम करके इतिहास रचा। यह नाटक वाल्मिकी रामायण पर आधारित है, सम्पूर्ण वाल्मिकी रामायण पुर्षोत्तम पर्व नामक नाटक के रूप में डॉ. एस.एल. एन स्वामी द्वारा लिखा और साथ ही इसका संकल्पना और निर्देशन भी किया।
यह नाटक एक व्यक्ति नाटक है “जनक जाते जानकी” कला का प्रदर्शन रविंदर कला क्षेत्र जे . सि रोड , बेंगलुरु मे किया गया। हेलन मैसोर द्वारा एक से ज्यादा किरदार निभाए गये। ऐसा पहली बार हुआ है की 2 घंटे 45 मिनट के नाटक मे 111 किरदार निभाए गए हो और वह भी किसी महिला द्वारा। इसके साथ ही उन्होंने 3 रिकॉर्ड में नाम दर्ज करके इतिहास भी रचा जो की इस प्रकार है – (1) मोस्ट कॅरक्टर परफोर्मेड बय वुमन इन सिंगल एक्ट , (2) फर्स्ट एक्ट टु डिपिक्ट एंटायर लाइफ ऑफ़ सीता (3) लांगेस्ट ड्यूरेशॅन वन वुमन शो।
इसका श्रेय डॉ. एस.एल. एन स्वामी को जाता है जिन्होंने इस नाटक का लेखन और निर्देशन किया। इस नाटक के माध्यम से सीता माता जी की सम्पूर्ण कहानी को दर्शाने की कोशिश गई है और साथ ही ऐसा पहली बार हुआ है किसी नाटक में रामायण की सम्पूर्ण कहानी को सीता जी की दृष्टिकोण से दर्शाया गया। हेलन मैसोर रंगभूमि की अनुभवी कलाकार है और आज उन्होंने 111 किरदारों को अकेले निभा कर यह साबित भी कर दिया है।
हम आज भी पुरष प्रधान देश में है लकिन फिर भी महिलाओ ने इस आशाहीन मिट्टी पे अपना नाम बना रही है। बात हो अगर रियल जगत की या फिर रील जगत की महिलायें अपने नाम की छाप छोड़ रही है।फिल्मी जगत की अगर बात करे तो वाह तो कितने रिटेक होते है मगर एक ही नाटक में बिना रिटेक के 111 किरदारों को निभाना काफी मुश्किल काम है जो की हेलन मैसोर जैसे अनुभवी कला कार ही निभा सकती है।
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