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सोनू सूद

12,000 मजदूरों को बसों से घर पहुंचा रहे हैं सोनू सूद, बोले- नहीं मिलेगी दिल को तसल्ली जब तक सभी मजदूर नहीं पहुंच जाते…

सोनू सूद ने अम्बानी और टाटा जैसे बड़े अमीर लोगो को दिखा दिया कि पैसा ही सबकुछ नहीं होता इंसानियत पैसे और स्टारडम पर से बड़ के है।

सोनू अबतक कोरोना संकट में 12000 से ज्यादा मजदूरों की सहायता करके उन्हें उनके घर भेज चुके हैं। खुद सोनू के मुताबिक उनके पास 35 से 40 हजार लोगों की लिस्ट है जिन्हें उनके घर भेजना है।सोनू का मजदूरों को उनके घर भेजने का काम अनवरत जारी है। सोनू की मजदूरों को घर भेजने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।

सोनू सूद लगातार प्रवासी मजदूरों की मदद करके वो काम कर रहे हैं जो कोई सुपरस्टार, कोई क्रिकेट का खिलाड़ी नहीं कर पाया। सोनू सूद मदद का दूसरा नाम बनकर उभरे हैं। ऐसे समय में जब गरीब मजदूरों को मदद की सबसे ज़्यादा जरूरत है तब सोनू इन गरीबों के लिए किसी दोस्त से कम नहीं हैं। किसी मजदूर को मदद की आवश्यकता है और उसने सोनू सूद को फोन या मैसेज कर दिया तो मजाल है कि सोनू उनकी सहायता ना करें।

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अगले दो दिन में सोनू ने महाराष्ट्र सरकार और कर्नाटक सरकार से जरूरी अनुमति लेकर उन रुके हुए 350 मजदूरों के लिए बस का इंतजाम किया। 10-12 बसों से मजदूरों को सोनू ने उनके घर रवाना किया, इसके बाद तो जैसे सोनू गरीब मजदूरों के होकर रह गए। सोनू बताते हैं कि उन मजदूरों के आँखों में जो आंसू थे जो खुशी थी कि अब हम अपने घर पहुंच जाएंगे।

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सोनू सूद ने एक टीवी चैनल से खुद बताया कि, वो लॉकडाउन में अपने होटल से निकल रहे थे कि सड़क पर उन्हें मजदूर दिखाई दिए। मजदूर पैदल चल रहे थे, सोनू ने पैदल चल रहे मजदूरों से कहा कि आप लोग क्यों पैदल चल रहे हैं। मैं आपके लिए बस का इंतजाम करता हूँ तो टूट चुके मजदूरों ने सोनू से कहा कोई फायदा नहीं होगा सर। मजदूरों की टूट चुकी आशा को सोनू ने फिर से जिंदा किया और उन मजदूरों को वहीँ कहीं रोककर अपने घर आ गए।ये मंजर सोनू से देखा नहीं गया और वो इस पूरी रात सो नहीं पाए।

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जिन मजदूरों ने ये मंजर देखा उन्होंने भी अब सोनू सूद से अपने घर जाने की इच्छा जताई। कोई मजदूर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा जाना चाहता था। सोनू ने इन मजदूरों को भी बसों में अपने खर्चे पर उनके घर पहुंचाया।

इस संकट की घड़ी में सोनू सूद ने वो काम कर दिखाया जो काम सैकड़ों करोड़ रुपये कमाकर बड़े-बड़े हीरो और क्रिकेटर नहीं कर पाए। सोनू सूद ने ये दिखा दिया कि इच्छा शक्ति के बल पर गरीबों की निस्वार्थ भाव से मदद की जा सकती है। सोनू ने कथित बड़े लोगों या पैसों वालों को ये भी दिखा दिया कि पैसा ही सबकुछ नहीं होता इंसानियत पैसे और स्टारडम पर भारी पड़ती है।

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