नई दिल्ली| काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के बाहर से करीब 150 भारतीयों के कथित अपहरण की खबरों के बीच स्थानीय अफगान पत्रकार जकी दरयाबी ने कहा कि अपहृत व्यक्तियों को रिहा कर दिया गया है और वे हवाईअड्डे जाने के रास्ते में हैं। दरयाबी ने ट्वीट किया, “दो सूत्रों ने पुष्टि की कि तालिबान द्वारा भारतीयों को रिहा किया गया है। वे काबुल हवाई अड्डे के रास्ते में हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि इन भारतीयों को काबुल हवाई अड्डे से पास के आलोकोजई परिसर में ले जाया गया था। हालांकि वे सुरक्षित हैं।
रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि इन भारतीयों को अलोकोजई परिसर के पास के इलाके में ले जाया गया, जो अमेरिकी सेना के लिए नामित एक गैरेज है। हवाई अड्डे पर भारी भीड़ थी और तालिबान ने कथित तौर पर उनके दस्तावेजों का निरीक्षण किया और उन्हें छोड़ दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अपहरणकर्ता बाद में उन्हें हवाई अड्डे पर सही जगह पर ले गए, जहां से स्लॉट मिलने के बाद उनकी निकासी उड़ान भारत के लिए रवाना होगी।
इससे पहले दिन में, अफगान मीडिया ने खबर दी थी कि तालिबान से जुड़े लोगों ने हवाई अड्डे के करीब एक क्षेत्र से 150 से अधिक लोगों का अपहरण कर लिया है, जिनमें ज्यादातर भारतीय नागरिक हैं।
एक स्थानीय प्रकाशन ‘काबुल नाऊ’ ने भी इसकी पुष्टि की थी।
हालांकि तालिबान ने भारतीय नागरिकों के अपहरण की खबरों का खंडन किया है।
तालिबान के प्रवक्ता अहमदुल्ला वासेक ने स्थानीय मीडिया को बताया, “अपहरण की खबर अफवाह है। तालिबान सदस्य सभी विदेशी नागरिकों को हवाई अड्डे तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं। हम सभी विदेशियों को हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि तालिबान बल लगभग 150 भारतीय नागरिकों को हवाई अड्डे में सुरक्षित रूप से पहुंचा रहे हैं।
एयरलिफ्ट प्रक्रिया में मदद के लिए काबुल हवाई अड्डे पर लगभग 5,000 अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया गया है।
–आईएएनएस
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