लखनऊ| देश में खादी आश्रम की स्थापना के शताब्दी वर्ष के मौके पर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के गांधीवादी और समाजवादी कार्यकर्ता 19 मार्च को ‘आत्मनिर्भर भारत यात्रा’ निकालेंगे। देश में पहला खादी आश्रम नवंबर 1920 में वाराणसी में स्थापित किया गया था, जो अपने आप में एक आंदोलन बना गया। इसके बाद पूरे देश में सैकड़ों खादी आश्रम शुरू हुए, जिसने कुटीर उद्योग का रूप ले लिया। इस खादी आश्रम की स्थापना जेबी कृपलानी ने की थी। उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरे देश से ‘चरखे’ के जरिए सूत कातने (चरखा) की अपील से प्रेरित होकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग की अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर इस आश्रम की स्थापना की थी।
गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष और श्री गांधी आश्रम शताब्दी समिति के संयोजक राजनाथ शर्मा ने कहा कि साल भर तक चलने वाली यह यात्रा बाराबंकी, काकोरी, रामपुर, मेरठ, चंपारण, सहित स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य केंद्रों से होते हुए साबरमती, वर्धा और दिल्ली पहुंचेगी, जहां आधुनिक युग में खादी की प्रासंगिकता और स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्रीय एकता में इसके महत्व पर सम्मेलन करने के साथ इसका समापन किया जाएगा।
शर्मा ने यह भी कहा कि उन्होंने खादी आंदोलन में शामिल होने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इसे पुर्नजीवित करने के लिए भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को इससे जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है। इसके चलते उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी यात्रा का समर्थन करने के लिए पत्र लिखा है।
शर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री ने खादी आंदोलन का समर्थन किया था। वहीं बाद में सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और कांग्रेस नेता एन.डी. तिवारी ने भी देश के ग्रामीण इलाकों में खादी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए खादी उद्योग को सपोर्ट किया।
बता दें कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक संगठन बनाने का दबाव डालने के लिए शर्मा 3 दशकों से हर साल सम्मेलन का आयोजन भी करते हैं।
–आईएएनएस
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