नई दिल्ली| केंद्र ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि रोहिंग्या शरणार्थियों का प्रवाह 2012 में शुरू हुआ था।
शीर्ष न्यायालय ने रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के केंद्र के फैसले को चुनौती देती याचिका पर तीन अक्टूबर को सुनवाई का निर्देश दिया है।
केंद्र द्वारा अदालत को यह बताने पर कि वे दिन में इस मामले में अपना जवाब दाखिल करेंगे, प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाय. चंद्रचूड़ की सदस्यता वाली पीठ ने मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में करने का निर्देश दिया।
अदालत ने सुनवाई स्थगित करते हुए याचिकाकर्ताओं और अन्य को मामले की अगली सुनवाई से पूर्व केंद्र के रुख पर अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने को कहा।
–आईएएनएस
और भी हैं
अगर भारत पीछे हटेगा तो हम भी तनाव खत्म कर देंगे : पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान में रेड अलर्ट, पीएम शहबाज शरीफ करेंगे देश को संबोधित
पाकिस्तान में भूकंप के झटके, लोगों में दहशत का माहौल