संयुक्त राष्ट्र: म्यांमार में 25 अगस्त को भड़की हिंसा के बाद से 6,04,000 रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश पहुंच चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने बुधवार को कहा, “म्यांमार में 25 अगस्त को भड़की हिंसा के बाद से बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश में शरण ली है।”
उन्होंने कहा कि म्यांमार के राखिने में हिंसा से बचकर बांग्लादेश भागे नए शरणार्थियों में से 50 प्रतिशत से अधिक कुटुपलोंग एक्सपेंशन साइट पर रह रहे हैं, जहां उनके लिए सरकार द्वारा आवंटित भूमि पर कई अस्थायी बस्तियां बनाई गई हैं।
हक ने कहा, “करीब 5,70,000 लोगों को खाद्य सहायता और करीब 3,10,000 लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल चुकी है।”
उन्होंने साथ ही कहा कि शरणार्थियों के आश्रयस्थलों में से 25 प्रतिशत से भी कम में साफ पानी की सुविधा है, जिसके कारण स्वच्छता की स्थिति चिंतनीय है।
संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक मानवाधिकार सम्मेलन ने रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए राहत कार्यक्रमों के लिए सोमवार को 34.4 करोड़ डॉलर की धनराशि जुटाई।
रोहिंग्या शरणार्थियों का पलायन जारी है, जिसके कारण यह दुनियाभर का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बन रहा है।
यह संकट शुरू होने के बाद से संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने राहत प्रयास बढ़ा दिए हैं। इसके तहत सात लाख से अधिक लोगों का हैजे के खिलाफ टीकाकरण किया गया है और लाखों शरणार्थियों को खाद्य सहायता उपलब्ध कराई गई है।
–आईएएनएस
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