मनोज पाठक,
रांची| आज सोशल मीडिया भले ही ‘टाइम पास’ का एक बड़ा माध्यम बन गया है, लेकिन इसी सोशल मीडिया से रांची के आर्थिक रूप से कमजोर एक परिवार की उजड़ चुकी जिंदगी में फिर से बहार लौट आई है।
सोशल मीडिया के जरिए एक दंपति ने खो चुके अपने दो बेटों को एक पखवारे के अंदर ही ढूंढ़ निकाला।
कहा जाता है कि मां और बेटे के प्यार की कोई कीमत नहीं होती। झारखंड की राजधानी रांची के सुखदेवनगर थाना अंतर्गत बानो मंजिल रोड निवासी हसीना खातून के परिवार पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट गया, जब उनके दो पुत्र 22 मार्च को स्कूल से नहीं लौटे।
हसीना बताती हैं कि 22 मार्च को फरहान (12) और रेहान (8) स्कूल गए थे, लेकिन वे वापस घर नहीं लौटे। देर रात तक पूरा परिवार दोनों बच्चों को ढूंढ़ता रहा, लेकिन दोनों का कोई पता नहीं चल सका। थक-हार कर परिवार के लोगों ने सुखदेवनगर थाने में दोनों बच्चों के लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस अपने स्तर से पूरे मामले की जांच प्रारंभ की व बच्चों की खोज में जुट गई।
हसीना बताती हैं, “इस दौरान परिवार वालों को पुलिस की कारवाई पर संतोष नहीं हुआ। मोहल्ले के लोगों ने दोनों बच्चों की तस्वीर लापता होने की सूचना के साथ फेसबुक व ट्विटर पर वायरल कर दी।”
इधर, रांची पुलिस भी बच्चों को खोजने के क्रम में सोशल मीडिया से मदद ले रही थी। पुलिस द्वारा लापता और खोए बच्चों के लिए सोशल साइट पर बनाए गए अलग-अलग ग्रुपों पर भी पुलिस ने बच्चों की तस्वीर डाल दी।
अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) की पुलिस महानिरीक्षक संपत मीणा बताती हैं, “लापता बच्चों के लिए बने कई वाट्स एप ग्रुप और सोशल साइट्स पर बच्चों का फोटो अपलोड किया। 13 दिनों बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) की टीम ने इन दो बच्चों को खोज निकाला और इसकी सूचना रांची पुलिस और झारखंड सीआईडी को दी।”
उन्होंने बताया कि इसके बाद चाइल्ड लाइन की मदद से बच्चों को घर पहुंचाया गया।
मीणा बताती हैं, “दोनों बच्चे रांची से कानपुर कैसे पहुंचे, इसकी जांच में पुलिस जुटी हुई है। लेकिन इतने कम दिनों में बच्चों के सकुशल घर लौटने की खबर ने यह साबित कर दिया है कि सोशल मीडिया का अगर सही उपयोग हो तो यह बहुत कारगर है।”
इधर, बच्चों को वापस पाकर पूरा परिवार खुश है। बच्चे के पिता मोहम्मद रहमान खुदा ने अपने पड़ोसियों और पुलिस के साथ-साथ सोशल मीडिया को शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि खुदा ने फिर से अपने बच्चों से मिला दिया। इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है।
–आईएएनएस
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