चेन्नई| बैंकिंग क्षेत्र के नौ श्रमिक संघों की प्रतिनिधि संस्था, युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने सरकार के जनविरोधी बैंक सुधारों के खिलाफ तथा विमुद्रीकरण के बाद कर्मचारियों द्वारा किए गए अतिरिक्त कार्य के मुआवजे की मांग को लेकर 28 फरवरी को एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है।
आल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच. वेंकटाचलम ने यहां एक बयान में कहा, “यूएफबीयू में बैंकिंग क्षेत्र के शामिल नौ संघों -एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ- से संबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी, सभी पुरानी पीढ़ी के निजी बैंकों, विदेशी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के कर्मचारी व अधिकारी 28 फरवरी को एक दिन की हड़ताल पर रहेंगे।”
वेंकटाचलम ने कहा, “बैंकिंग क्षेत्र के श्रमिक संघ सरकार के सुधार संबंधित कदमों के खिलाफ दो दशक से भी अधिक समय से लड़ाई लड़ रहे हैं, क्योंकि ये आम जनता और देश की श्रमशक्ति के हितों के खिलाफ हैं।”
बयान में कहा गया है, “बैंकिंग उद्योग में स्थायी नौकरियों को आउटसोर्स करने की हर कोशिश की जा रही है, जो जोखिमों से भरी है।”
वेंकटाचलम ने कहा कि संघों द्वारा की गई मांगों का कोई समाधान निकालने की सभी कोशिशें बेकार जाने के बाद मजबूरन हड़ताल का आह्वान करना पड़ा है।
मुख्य श्रम आयुक्त के साथ 21 फरवरी को हुई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल पाया, क्योंकि बैंक प्रबंधन संस्था, इंडियन बैंक एसोसिएशन श्रमिक संघों की मांगों पर सहमत नहीं हुई।
सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश बैंकों ने उपभोक्ताओं को सूचित कर दिया है कि यदि मंगलवार को हड़ताल हुई तो बैंक शाखाओं और कार्यालयों में कामकाज प्रभावित रहेगा।
–आईएएनएस
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