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Congress Vice President Rahul Gandhi . (File Photo: IANS)

योजनाओं को ठीक से लागू नहीं कर पा रही सरकार : राहुल

 

अमेठी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) के कार्यक्रमों को लापरवाही के साथ लागू कर रही है। उन्होंने इस संबंध में वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) के खराब क्रियान्वयन का उदाहरण पेश किया, जिससे आम आदमी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

राहुल ने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह केवल कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की परियोजनाओं के नाम बदल रहे हैं और उसे लागू कर रहे हैं।

यहां किसानों की रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की उपज ग्रामीण रोजगार परियोजना ‘मनरेगा’ का वह (मोदी) किस तरह ‘मजाक’ उड़ाते थे।

उन्होंने कहा, “लेकिन मोदी को यह अहसास हुआ कि आम आदमी के लिए मनरेगा के क्या मायने हैं और बाद में वह इसकी सराहना करने लगे। कांग्रेस किसी भी कार्यक्रम को शुरू करने से पहले आम आदमी से संपर्क करती है, उनके सुझाव सुनती है।”

राहुल ने कहा, “लेकिन भाजपा के लोग ऐसा नहीं करते हैं। मोदी किसी से भी संपर्क नहीं करते। उदाहरण के लिए स्वच्छता योजना। उन्होंने अचानक सोचा कि भारत को स्वच्छ होना चाहिए और बिना किसी से संपर्क किए, उन्होंने सभी को झाड़ू उठाने और भारत को साफ करने का निर्देश दे दिया।”

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि जीएसटी भी कांग्रेस की पहल है और सरकार ने बिना किसी से, खासकर छोटे व्यापारियों और किसानों से संपर्क किए बिना ही इसे लागू कर दिया।

उन्होंने कहा, “उन्होंने हमसे कहा कि सभी करों के स्थान पर एक कर लाना अच्छा कदम है और करों में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी। उन्होंने हमसे वादा किया था कि 18 प्रतिशत से अधिक कर लागू नहीं किया जाएगा। लेकिन भाजपा सरकार ने कई स्लैब बनाकर जीएसटी की सीमा अधिकतम 28 प्रतिशत तक बढ़ा दी और सभी राज्यों का अपना एक अलग जीएसटी स्थापित कर दिया।”

उन्होंने कहा कि जीएसटी के गलत क्रियान्वयन से छोटे व्यापारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा सरकार ने जीएसटी के पीछे की भावना को नहीं समझा और इसे जल्दबाजी और लापरवाही से लागू कर दिया।

गांधी ने सरकार पर रोजगार पैदा न करने का आरोप लगाया और कहा कि भारत में प्रतिदिन 30,000 लोगों को रोजगार की जरूरत होती है और हम जानते हैं कि इन 30,000 में केवल 400 को नौकरी मिल पाती है।

–आईएएनएस

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