अहमदाबाद: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने बेटे जय शाह की कंपनी के कारोबार में अचानक वृद्धि होने के मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए शुक्रवार को बेटे के विरुद्ध धन शोधन के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि कंपनी ने सरकार के साथ कोई व्यापार नहीं किया और न ही कोई रिश्वत ली गई।
उन्होंने कहा, “मेरे बेटे ने कांग्रेस की तरह नहीं, बल्कि साहस दिखाते हुए अपने ऊपर आरोप लगाने वाले के खिलाफ सिविल और आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज किया और इस कदम से उसने अपने खिलाफ जांच करने का आमंत्रण दिया है।”
अमित शाह ने ‘इंडिया टूडे’ के ‘गुजरात पंचायत’ कार्यक्रम में कहा, “जय की कंपनी धन शोधन में संलिप्त नहीं है। यह कंपनी पूरी तरह से कमोडिटी व्यापार के क्षेत्र में है, जहां कारोबार ज्यादा होता है, जबकि लाभ कम होता है। हमलोग बाजरा, मक्का और चावल निर्यात करते हैं, जबकि धनिया आयात करते हैं। 80 करोड़ रुपये के कारोबार के बाद उन्होंने यह नहीं बताया कि हमें कितना फायदा हुआ।”
उन्होंने कहा कि 80 करोड़ रुपये के कारोबार के बावजूद जय को 1.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। इसमें धन शोधन कहां है। सभी वित्तीय लेन-देन चेक और बैंक के जरिए हुए।
जय शाह द्वारा वेबसाइट के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने पर पूछे गए प्रश्न पर शाह ने कहा, “आपके प्रश्न का जवाब देने से पहले मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूं। आजादी के बाद, कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के कितने आरोप लगे?”
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “कृपया इसे समझें, यह भ्रष्टाचार नहीं है। कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। क्या उसने कभी भी सिविल या मानहानि का मुकदमा किया है? आज जय ने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया है और अपने खिलाफ आरोपों की जांच की मांग कर रहा है। जिसके पास भी सबूत है, वे इसे अदालत में पेश करें और तब अदालत इसका फैसला करेगी।”
उन्होंने कहा, “हमलोगों ने खुद ही जांच की मांग की है और कंपनी के मुद्दे पर मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि इसने सरकार के साथ कोई व्यापार नहीं किया है और न ही सरकार से एक रुपये, सरकारी जमीन या टेंडर लिए हैं। न ही कंपनी ने बोफोर्स जैसी कोई रिश्वत ली है।”
जब शाह से जय की कंपनी के असुरक्षित ऋण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह असुरक्षित ऋण नहीं था, बल्कि यह ‘लाईन ऑफ क्रेडिट’ था।
–आईएएनएस
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