नई दिल्ली: भारत सरकार के दूसरे सबसे बड़े न्यायिक अधिकारी सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने अपने पद से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह अपने परिवार व निजी कार्यो के लिए वक्त नहीं दे पाने को बताया है।
रंजीत कुमार ने यह इस्तीफा सरकार के शीर्ष न्यायिक सलाहकार महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) मुकुल रोहतगी के इस वर्ष जून में पद छोड़ने के बाद दिया है।
ऐसा माना जा रहा है कि सॉलिसिटर जनरल ने शुक्रवार सुबह निजी कारणों का हवाला देकर कानून मंत्रालय को अपना इस्तीफा दे दिया।
माना जा रहा है कि अपने सहकर्मियों को लिखे संदेश में रंजीत कुमार ने कहा है, “मैं अपने निजी और पारिवारिक मुद्दे की वजह से इस्तीफा दे रहा हूं, जिन्हें मुझे देखना चाहिए था लेकिन काम की वजह से मैं ऐसा नहीं कर पा रहा था।”
उन्होंने समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा, “सरकार के साथ मेरा कोई मतभेद नहीं है और सरकार ने जैसा मेरे साथ व्यवहार किया, मैं उससे संतुष्ट हूं। सरकार का व्यवहार मेरे साथ अच्छा था।”
रंजीत कुमार को संवैधानिक कानून, सेवा व कर मामलों में विशेषज्ञ माना जाता है। वह पहले गुजरात सरकार के वकील और जून 2014 में सॉलिसिटर जनरल का पद ग्रहण करने से पहले सर्वोच्च न्यायालय में कई मामलों में न्याय मित्र रह चुके हैं।
उन्होंने जिन मामलों में गुजरात सरकार का प्रतिनिधित्व किया था, उनमें वर्ष 2005 में सोहराबुद्दीन शेख की कथित मुठभेड़ में मौत का मामला भी शामिल था।
उन्होंने यह इस्तीफा जून में अपने कार्यकाल का तदर्थ विस्तार होने के तीन माह बाद दिया है।
इससे पहले सरकार के शीर्ष न्यायिक सलाहकार महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) मुकुल रोहतगी ने इस वर्ष जून में निजी कार्यो का हवाला देकर पद छोड़ दिया था।
मुकुल रोहतगी के पद छोड़ने के बाद के.के. वेणुगोपाल को महान्यायवादी बनाया गया है।
–आईएएनएस
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