नवगठित पार्टी स्वराज इंडिया ने 20 नवम्बर को होने वाली किसान संसद के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। इसीके तहत आज किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री के आवास का घेराव करते हुए सरकार के झूठ और वादा खिलाफ़ी पर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी किसानों में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के द्वारा संसद में प्रधानमंत्री मोदी के किये वादे से मुकरने को लेकर गहरा आक्रोश दिखा। ज्ञात हो कि पिछले संसद सत्र में कृषि मंत्री ने कहा था कि मोदी जी ने कभी भी एमएसपी संबंधित वादा नहीं किया। जबकि ये जगजाहिर है कि बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को फ़सल की लागत मूल्य पर 50% मुनाफ़े के साथ एमएसपी तय करने का वादा किया था।
स्वराज इंडिया ने अपने साथ लाये एक वाहन की एलईडी स्क्रीन पर वीडियो संदेश चलाकर मोदी सरकार के झूठ का पर्दाफ़ाश किया। जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अविक साहा ने किसानों द्वारा तैयार किये इस वीडियो संदेश के बारे में बताया। उन्होंने कहा इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के अंश को प्रदर्शित किया गया है ताकि कृषि मंत्री को उनकी अपनी ही सरकार का वादा याद कराया जा सके।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों और स्वराज इंडिया कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने क्रूरता के साथ कार्यवाई करते हुए सबको गिरफ़्तार कर लिया। पुलिस कार्यवाई के दौरान कई किसानों एवं कार्यकर्ताओं को चोटें आयीं और कपड़े फाड़ दिए गए।
कृषि मंत्री के आवास पर पहुंचे किसानों ने इस बात पर भी रोष जताया कि सत्तासीन बीजेपी ने 2014 लोकसभा के चुनावी घोषणापत्र में लिखकर किसानों को उपज की लागत का डेढ़ गुना दाम देने का वादा किया था, जो आज तक पूरा नही हो सका है। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुकूल किसानों को लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का वादा किया था।
उन्होंने 120 से अधिक चुनावी रैलियों में इसकी घोषणा भी की थी। परंतु जब पार्टी सत्ता में आ गयी, प्रधानमंत्री न केवल अपने वादे भूल गए बल्कि उनकी सरकार के कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने लोकसभा में इस वादे को ही नकार दिया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे परमजीत सिंह ने वर्तमान सरकार को आज तक की सबसे ज्यादा किसान विरोधी सरकार बताते हुए कृषि मंत्री के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की।
“कृषि मंत्री शर्म करो, झूठ बोलना बंद करो” के नाम से हुए विरोध प्रदर्शन में सरकार के झूठे वादे और बड़बोलेपन का पर्दाफ़ाश किया गया। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद किसानों ने मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह सरकार दिखावे, नारों और कोरी योजनाओं की सरकार है।
मेवात से आये किसान नेता रमज़ान चौधरी ने प्रधानमंत्री से अपने मुँह से किये वादे को पूरा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर “कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय” रख देने से किसानों का कल्याण नहीं हो जाता। किसान कल्याण मंत्रालय बनाने के शासन में देश में किसान की आत्महत्याओं का ग्राफ़ तेजी से बढ़ा है।
किसानों का हक़ और अधिकार की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने बर्बरता से कार्यवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे परमजीत सिंह, रमज़ान चौधरी, पार्टी के दिल्ली प्रदेश महासचिव नवनीत तिवारी, प्रदेश सचिव सुरिंदर कोहली समेत सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया।
आगामी 20 नवंबर को देश भर के किसान दिल्ली के संसद मार्ग पहुँचकर किसान मुक्ति संसद का आयोजन करेंगे। विदित हो कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन देश भर के 184 किसान संगठनों के मिलने से हुआ है, जो किसानों की दो मांगें कर्ज़ मुक्ति और फ़सल के पूरे दाम को लेकर आंदोलनरत है।अगर सरकार अपना वादा पूरा नहीं करती है तो किसान खुद अपनी संसद बनाकर किसान मुक्ति बिल पारित करेंगे। स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन ने किसानों के हक़ की लड़ाई सरकार से लेकर सड़क और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ने की बात कही है।
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