केंद्रीय कोयला और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रेल से अगले पांच सालों में डीजल इंजन को पूरी तरह बाहर कर दिया जाएगा और बिजली इंजन का उपयोग किया जाएगा, जिसमें गति बढ़ाने पर सबसे ज्यादा जोर होगा।
गोयल ने यहां फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, “हमने अगले पांच सालों में सभी ट्रेनों को बिजली इंजन से चलाने की योजना बनाई है।”
उन्होंने कहा कि डीजल इंजन को बाहर करने से रेलवे को सालाना 11,500 करोड़ रुपये की बचत होगी।
उन्होंने कहा, “डीजल इंजन को यार्ड में बैकअप के लिए रखा जाएगा।”
यात्रियों की सुरक्षा पर जोर देते हुए रेल मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने रेल अधिकारियों को इंटीग्रेटेड कोच फैक्टरी (आईसीएफ) कोचों की जगह पर लिंक हॉफमैन-बुश्च (एलएचबी) कोचों का उत्पादन बढ़ाने को कहा है।
उन्होंने कहा, “हम एलएचबी टाइप कोचों को बढ़ावा दे रहे हैं, क्योंकि यह आईसीएफ कोचों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है।”
उन्होंने कहा, “मैंने रेल कोच फैक्टरियों से एलएचबी कोच विकसित करने को कहा है तथा रायबरेली कोच फैक्ट्री से अपना उत्पादन दोगुना करने को कहा है। फिलहाल यहां से हर साल 1,000 कोचों का उत्पादन होता है।”
गोयल ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रायबरेली कोच फैक्ट्री के विस्तार के लिए अतिरिक्त 200 एकड़ जमीन मुहैया कराने का आग्रह किया है।
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