नई दिल्ली: गूगल ने सोमवार को जर्मनी के भौतिक वैज्ञानिक और गणितज्ञ मैक्स बॉर्न की 135वीं जयंती पर उनके सम्मान में डूडल बनाया। मैक्स को क्वांटम मैकेनिक्स के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म 11 दिसंबर, 1882 को पोलैंड के व्रोकलॉ में हुआ था, जिसे उस समय ब्रेस्लॉ के नाम से जाना जाता था। उस समय यह स्थान जर्मनी का हिस्सा था।
बॉर्न ने गोटिंगन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की और उसके बाद वह वहीं सैद्धांतिक भौतिकी के प्रोफेसर बन गए। वह उस समय के कुछ प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के साथ काम करते थे और उन्हें सलाह भी देते थे।
नाजी पार्टी द्वारा लागू किए गए कानूनों के परिणामस्वरूप उन्हें जर्मनी से इंग्लैंड भागना पड़ा, जहां वह लगभग दो दशक तक एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में सेवारत रहे। 1954 में सेवानिवृत्त होने के बाद वह गोटिंगन लौट आए।
बॉर्न को क्वांटम मैकानिक्स में अपने योगदान और मौलिक अनुसंधान खासकर तरंग कणों के सांख्यिकीय विश्लेषण के लिए 1954 में नोबल से सम्मानित किया गया।
उन्हें अपने सिद्धांत ‘बॉर्न रूल’ के लिए खासतौर पर ्रप्रसिद्धी मिली। बॉर्न रूल एक क्वांटम थ्योरी है जिसमें मैथेमेटिकल प्रॉबेबिलिटी के माध्यम से तरंग कणों के स्थान का पता लगाया जाता है।
मैक्स का 5 जनवरी, 1970 को गोट्टिंगेन में निधन हो गया था।
–आईएएनएस
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