टोरंटो : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिह को कनाडा में सिख अलगाववादियों पर लगाम लगाने का आश्वासन दिए जाने पर टिप्पणी करते हुए कनाडा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री उज्जल दोसांझ ने कहा कि इस देश के राजनेता खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर भारत की संवेदनशीलता को समझने में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा, “भारत इस मुद्दे को लेकर काफी संवेदनशील है, क्योंकि उस देश का सन् 1947 में विभाजन हुआ और उस दौरान 1.4 करोड़ लोग मारे गए। भारत किसी भी स्थिति में एक और विभाजन नहीं होने देगा।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री समेत कनाडा के राजनेताओं को इस मुद्दे पर भारत की गहरी संवेदनशीलता के बारे में अवश्य सोचना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि टड्रो समेत कनाडा के कई राजनेता सार्वजनिक रूप से लंबे समय से अलगाववादियों के साथ जुड़े रहे हैं, जबकि भारत ने इस पर एतराज नहीं जताया है।
दोसांझ ने कहा, “कनाडाई राजनेता ऐसे समारोह में गए, जहां एयर इंडिया में बम लगाने वाले तलविंदर सिंह परमार और अन्य उग्रवादियों के पोस्टर लहराए गए और उन्हें हीरो की तरह पेश किया गया है, इसके बावजूद अभी तक भारत ने कोई तीव्र प्रतिक्रिया नहीं दी है।”
दोसांझ ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री और राजनेता इन समारोहों में भाग लेते रहे हैं, लेकिन भारत कई वर्षो से इसे शांतचित्त होकर देख रहा है। मुझे उम्मीद है कि टड्रो और अन्य अब भारत के दुश्मनों की सराहना करना बंद करेंगे।”
कनाडा के पूर्व मंत्री ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित रूप से दावोस में टड्रो से मुलाकात की थी और उन्हें कहा था कि कनाडा में खालिस्तानी गतिविधि एक गंभीर मुद्दा बन गया है।
उन्होंने कहा कि इसलिए टड्रो के दो मंत्रियों हरजीत सज्जन और अमरजीत सोही को भारत आने से पहले बयान जारी कर कहना पड़ा कि उनका खालिस्तान से कुछ लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर कनाडा के राजनेता उनलोगों को प्रश्रय देना बंद कर दें और उनके समारोह में जाना बंद कर दें, तो खालिस्तान आंदोलन जल्द ही मर जाएगा।
दोसांझ ने कहा कि अगर राजनेता उन समारोहों में जाना जारी रखते हैं, जहां उग्रवादियों की सराहना की जाती है, तो टड्रो का भारत के एकता को लेकर दिया गया बयान बेमतलब है।
उन्होंने कहा, “मैं किसी को किसा का गुणगान करने से नहीं रोक सकता, लेकिन मैं उनसे इस तरह के समारोहों में जाना बंद करने की अपील तो कर सकता हूं। यही टड्रो और अन्य राजनेताओं को करना है या फिर उन्हें इस बात पर अडिग रहना चाहिए कि वे ऐसे समारोहों में नहीं जाएंगे, जहां निर्दोष लोगों की हत्या के दोषियों की सराहना की जाती हो।”
दोसांझ ने कहा, “अगर कनाडा के लोग भारत के साथ अच्छा रिश्ता चाहते हैं, तो उन्हें एकजुट भारत के विचार को सही तरीके से समर्थन करना चाहिए।”
उन्होंने भारत पर भी इस मुद्दे को सही ढंग से कनाडा के सामने न उठाने का आरोप लगाया।
–आईएएनएस
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