मसूरी: सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने देश के नौजवान भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों का आवाह्न करते हुए कहा कि वे ऐसा काम करें, जिसका लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्ति को मिले। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक दृष्टि से आईएएस अधिकारी देश की कार्यपालिका की रीढ़ हैं, इस नाते उन पर काफी बड़ी जिम्मेदारी है।
मसूरी स्थित राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में ‘शिक्षा में समानता’ विषय पर शुक्रवार को अपने संबोधन में कहा कि सभी आईएएस अधिकारियों को अपने कर्मो से समाज में ऐसा बदलाव लाने की जरूरत है, जिससे समाज के पिछड़ी पंक्ति में खड़ा आखिरी व्यक्ति भी उस परिवर्तन का लाभ उठा सके।
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “शिक्षा पर किसी एक का अधिकार नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 70 साल के बाद भी शिक्षा के रास्ते में पैसा रोड़ा बनकर खड़ा है। गरीब और अमीर के बीच की खाई काफी गहरी होती जा रही है। इसे बदलने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि शिक्षा पर सबका समान हक हो, इस दिशा में काम करने की जरूरत है। अकादमी शिक्षा के क्षेत्र में आनंद कुमार के अमूल्य योगदान के कारण उनसे प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों के बैच को प्रेरित करने का आग्रह किया था।
अपने प्रेरक संबोधन में आनंद ने आईएएस अधिकारियों के कई प्रश्न भी पूछे। एक सवाल के जवाब में आनंद कुमार ने आईएएस अधिकारियों के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि केवल राजनेता ही नहीं बल्कि अधिकारियों व कार्यपालिका पर भी समाज में बदलाव लाने की जिम्मेदारी है और अपने प्रशासनिक कौशल के बल पर वे ऐसा कर सकते हैं।
आनंद पहले भी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा संचालित होने वाले कई ऐसे कार्यक्रमों में अपना व्याख्यान दे चुके हैं।
–आईएएनएस
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