हैदराबाद: तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को राज्यपाल ई.एस.एल नरसिम्हन के विधानसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के दौरान कांग्रेस के दो वरिष्ठ विधायकों को उनके अमर्यादित व्यवहार की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष मधुसूदन चारी ने कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी और एस.ए.संपत कुमार को अयोग्य घोषित कर दिया है। उन्हें मौजूदा विधानसभा की बाकी अवधि के लिए सदन से निष्कासित कर दिया है।
साल 2014 में आंध्र प्रदेश से तेलंगाना से अलग होने के बाद यह पहली विधानसभा है, जिसका कार्यकाल अप्रैल-मई 2019 तक रहेगा।
के.जना रेड्डी सहित कांग्रेस के 11 सदस्यों को भी मौजूदा बजट सत्र के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को शुरू हुआ था।
राज्यपाल जब सोमवार को संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे थे तो वेंकट रेड्डी को राज्यपाल पर हेडफोन फेंकते देखा गया। यह हेडफोन परिषद के स्पीकर स्वामी गौड़ को जाकर लगा, जिससे उनकी आंख में चोट लग गई।
वहीं, सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) ने कांग्रेस सदस्यों के खिलाफ इस कार्रवाई का समर्थन किया है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जी.किशन रेड्डी ने के.जना रेड्डी जैसे कुछ सदस्यों के निष्कासन का विरोध किया है।
विधायी मामलों के मंत्री टी.हरिश राव ने अनुच्छेद 194 के क्लॉज तीन के प्रावधानों के तहत दोनों कांग्रेस सदस्यों को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया।
मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव और एमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने सदन में कांग्रेस सदस्यों के इस व्यवहार की पुरजोर निंदा की।
भाजपा के नेता जी.किशन रेड्डी का कहना है कि स्पीकर को 11 सदस्यों के निष्कासन से पहले सभी दलों से चर्चा करनी चाहिए थी।
विधायी परिषद में कांग्रेस के छह सदस्य शब्बीर अली, कोमाटिरेड्डी, राजगोपाल रेड्डी, अखुला ललिता, दामोदर रेड्डी, पी.सुधाकर रेड्डी और संतोष मौजूद सत्र से निष्कासित हैं।
–आईएएनएस
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