नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को कहा कि वह अमेरिका द्वारा हाल में उठाए गए व्यापारिक संरक्षणवादी उपायों के मुद्दे को द्विपक्षीय रूप से उठाएगा। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों के मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में वाणिज्य व उद्योग एवं नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, “हर देश की इसके प्रति एक अलग प्रतिक्रिया होगी। स्पष्ट तौर पर हम अमेरिका को स्टील या एल्यूमिनियम के सबसे बड़े निर्यातक नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, “हम इसे अमेरिका के साथ उठाएंगे, जिसके साथ हमारा बहुत बड़ा व्यापार अधिशेष है और हमारे अच्छे राजनीतिक संबंध हैं। हम इसे उनके साथ द्विपक्षीय रूप से रखेंगे।”
मंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हाल में अमेरिका ने स्टील पर 25 फीसदी व एल्यूमिनियम पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाया है। इससे वैश्विक व्यापार संघर्ष की संभावना बढ़ी है।
डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक रॉबटरे अजेवेडो के अनुसार, अमेरिका द्वारा हाल में लागू किए गए व्यापार संरक्षणवाद उपायों के मुद्दे के भड़कने की बड़ी संभावना है।
अजेवेडो ने कहा, “मैंने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि मैं बहुत चिंतित हूं और मेरा मानना है कि संस्था स्वयं भी यही कह सकती है क्योंकि इन उपायों के जो भी कारण हों, इसके तेजी से भड़कने की बड़ी संभावना है। यह संभावना दूसरे भागीदारों द्वारा प्रतिक्रिया में व्यापार प्रतिबंध उपायों की है। मेरा मानना है कि इससे बचना चाहिए।”
इसके अलावा प्रभु ने कहा कि बैठक में ‘खाद्य सुरक्षा’ मुद्दे पर भी ‘स्पष्ट व बेबाक रूप से’ चर्चा की गई।
इससे पहले प्रभु ने कहा कि भारत डब्ल्यूटीओ ढांचे का एक मजबूत समर्थक है और यह संगठन को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत डब्ल्यूटीओ की अनौपचारिक मंत्रीस्तरीय बैठक की मेजबानी कर रहा है, जो मंगलवार को शुरू हुई। इस बैठक में 52 देशों के प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं।
–आईएएनएस
और भी हैं
अदाणी ग्रुप अमेरिका में एनर्जी सिक्योरिटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 10 अरब डॉलर करेगा निवेश
एनटीपीसी और ओएनजीसी ग्रीन एनर्जी सेक्टर में कारोबार के लिए बनाएंगी ज्वाइंट वेंचर
आंध्र प्रदेश में निवेश के लिए यह सबसे अच्छा समय है : चंद्रबाबू नायडू