नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने बुधवार को कहा कि महिलाओं, बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए नीतियों के निर्धारण व कार्यान्वयन में सभी हितधारकों के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि साझा उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मंत्रालयों, राज्यों तथा हितधारकों के बीच सामंजस्य जरूरी है।
उन्होंने मिशन इंद्रधुनष का जिक्र किया और कहा कि इस कार्यक्रम के तहत देशभर एक-एक बच्चे का टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मंत्री ने कहा, “देश में ऐसा कोई गांव न हो जहां किसी बच्चे का टीकाकरण न हुआ हो।”
मंत्रालय और मातृत्व, नवजात व शिशु स्वास्थ्य साझेदारी (पीएमएनसीएच)की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि महिलाओं, किशोरों और बच्चों क लिए सरकार सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज के विस्तार के लिए सहयोग को लेकर प्रतिबद्ध है।
आगे 12-13 दिसंबर को होने वाले 2018 पार्टनर्स फोरम की आरंभिक परिचर्चा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सचिव (स्वास्थ्य) प्रीति सुदान, चिली गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति और पीएमएनसीएच बोर्ड के भावी अध्यक्ष डॉ. मिशेल बेचेलेट साझेदार मंच चैम्पियन एवं यूनिसेफ गुडविल अम्बेसडर प्रियंका चोपड़ा ने हिस्सा लिया।
नड्डा ने कहा कि “आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (एनएचपीएम) वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र की ओर एक बहुत बड़ा कदम है। इससे द्वितीय तथा तृतीय स्तर पर अस्पतालों में भर्ती की सुविधा से लगभग 50 करोड़ लोगों को (लगभग 10 करोड़ परिवारों से) लाभ पहुंचेगा।”
उन्होंने कहा कि सरकार 1.5 लाख उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को स्वास्थ्य एवं देखभाल केन्द्रों (एचडब्ल्यूसी) में बदल देगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय अब स्वास्थ्य एवं देखभाल केन्द्रों के माध्यम से व्यापक प्राथमिक देखरेख की व्यवस्था में लगा है।
2018 साझेदारी मंच के महत्व पर जोर देते हुए डॉ. मिशेल बेचेलेट ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में विकास के लिए क्रॉस-सेक्टोरल व मल्टी स्टेकहोल्डर पार्टनरशिप की जरूरत है।
प्रियंका चोपड़ा ने अच्छी गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवा और स्वस्थ बचपन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यदि हम लड़कियों को स्वस्थ और सफल देखना चाहते हैं तो उन्हें लड़कों की तरह की समान अवसर प्रदान करने होंगे। उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया में लड़कियां समाज के समर्थन के कारण सामुदायिक नेता बनी हैं।”
उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी बच्चा शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा से वंचित न हो।
उन्होंने समाज में नारीशक्ति के सम्मान की बात की और कहा कि परिवार में माता-पिता को अपने बेटे को सिखाना चाहिए कि वे महिलाओं का सम्मान करें।
परिचर्चा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, “हमारी सरकार महिला, बच्चों, किशोर और किशोरियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। गुणवत्ता, समानता और गरिमा के साथ देश की सभी महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है।”
उन्होंने कहा कि लोक-शिक्षण, लोक-जागरण, लोक-सेवा, और लोक-सहभागिता के बिना कोई भी कार्यक्रम सफल नहीं हो सकता है। इसलिए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी जनभागीदारी आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि सुरक्षित प्रसव के लिए देशभर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लेबर रूम बनवाए गए हैं।
— आईएएनएस
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