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Congress Vice President Rahul Gandhi . (File Photo: IANS)

सर्वोच्च न्यायालय का आदेश कांग्रेस के रुख पर मुहर : राहुल

नई दिल्ली/ बेंगलुरु: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश की सराहना की है, जिसमें बी.एस. येदियुरप्पा को शनिवार शाम चार बजे कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह पार्टी के उस रुख की पुष्टि करता है जिसमें कहा गया है कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने असंवैधानिक रूप से काम किया। राहुल ने कहा कि भाजपा की चाल को सर्वोच्च न्यायालय ने नाकाम कर दिया है और पार्टी अब धन-बल के जरिए सरकार बनाने की कोशिश करेगी।

राहुल ने ट्वीट किया, “सर्वोच्च न्यायालय का आदेश हमारे रुख की पुष्टि करता है कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने असंवैधानिक रूप से काम किया। भाजपा की यह चाल कि वह बिना संख्या के सरकार बना लेगी, सर्वोच्च न्यायालय ने उसे नाकाम कर दिया है।”

उन्होंने कहा, “भाजपा के इस कदम को कानूनी रूप से रोक दिया गया। अब वे धन-बल का इस्तेमाल करेंगे।”

इससे पहले, सर्वोच्च न्यायालय ने येदियुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करने के आदेश दिए।

भाजपा विधायक दल के नेता बी.एस. येदियुरप्पा के गुरुवार को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत का यह फैसला आया है।

बेंगलुरू में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि शीर्ष अदालत ने राज्यपाल के फैसले से उलट फैसला देते हुए शनिवार को बहुमत परीक्षण कराने का आदेश देकर लोकतंत्र की रक्षा की है।

आजाद ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि कांग्रेस और जेडी (एस) के पास 117 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद राज्यपाल ने सरकार गठन के लिए इस गठबंधन को आमंत्रित नहीं किया।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 104 सीटें जीती हैं, लेकिन वह बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटों से आठ सीट दूर है। जबकि कांग्रेस ने 78 और जेडी(एस) ने 37 सीटें जीती हैं।

उन्होंने कहा, “दो निर्दलीय विधायकों ने भी गठबंधन का समर्थन किया है। इतिहास में किसी भी राज्यपाल ने किसी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए दो सप्ताह का समय नहीं दिया है।”

पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी राज्यपाल को असंवैधानिक फैसला लेने के लिए निशाना बनाया।

सिद्धारमैया ने कहा, “राज्यपाल द्वारा भाजपा को सरकार गठन के लिए बुलाना, जिसके पास महज 104 सीटें हैं, दिखाता है कि पार्टी और इसके नेताओं के साथ उनकी सांठ-गांठ है।”

–आईएएनएस

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