अगरतला: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के विचार का कड़ा विरोध किया है। पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हितों को लाभ पहुंचाएगा।
येचुरी ने यहां रविवार शाम मीडिया से कहा, “एक साथ चुनाव की योजना भाजपा के राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए बनाई गई है। माकपा पहले ही विधि आयोग के समक्ष इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति जता चुकी है।”
उन्होंने कहा, “विधि आयोग के पास भारत में चुनाव प्रणाली में सुधार करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं तो इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया खराब होगी और यह अनुचित कार्यो को वैध बनाएगा।”
उन्होंने कहा कि एक गठबंधन सरकार सहयोगियों द्वारा समर्थन वापस लेने पर अल्पमत सरकार बन जाएगी। इन हालात में एक सरकार कैसे पांच साल तक चल सकती है?
येचुरी ने कहा कि 1952 और 1957 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे लेकिन बाद में इसमें बदलाव कर दिया गया।
विधि आयोग लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श कर रहा है।
–आईएएनएस
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