नई दिल्ली: अपनी अनूठी गायकी के लिए मशहूर रैपर बादशाह जब गाते हैं तो लोग झूमने पर मजबूर हो जाते हैं। युवाओं के बीच ही नहीं, बादशाह बच्चों और बुजुर्गो में भी खासा लोकप्रिय हैं। गानों में रैप का तड़का लगाने वाले बादशाह का कहना है कि रैप उनकी जिंदगी है।
बादशाह ने हाल ही में अपना अल्बम ‘वन’ लॉन्च किया है, जिसमें 17 गाने हैं। बादशाह ने आईएएनएस के साथ खास बातचीत में अपने नए अल्बम के बारे में बताया, “मेरे अल्बम वन को मुझे बनाने में तीन साल लग गए। इसमें 17 गाने हैं, जो संगीत के प्रति मेरे दृष्टिकोण और भावना को प्रदर्शित करती है। इस दौरान काफी मुश्किलें आईं और मैंने इनपर काफी मेहनत की है और आखिरकार यह सबके सामने है। मैं उम्मीद करता हूं कि यह सबसे पसंद आएगी।”
वर्ष 2006 से अपने करियर की शुरुआत कर चुके बादशाह ने हिंदी के अलावा पंजाबी, हरियाणवी में गाने गाए हैं। वह मशहूर रैपर होने के साथ ही गीतकार और संगीतकार भी हैं। बादशाह ने ‘कर गई चुल’ को न केवल गाया है, बल्कि इसके संगीत और बोल भी तैयार किए हैं। बादशाह फिल्म ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’ का लोकप्रिय गीत ‘सैटरडे -सैटरडे’ के बोल भी लिखे हैं।
इस बारे में बादशाह कहते हैं, “मैं अपने आसपास के लोगों से और उनकी बातचीज से आइडिया लेता हूं। उदाहरण के तौर पर एक बार मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा कि मेरी प्रेमिका मुझसे पार्टी करने के लिए ‘सैटरडे-सैटरडे’ कहती रहती है। यहीं से मुझे इस गाने को बनाने का विचार आया। कई बार ऐसा होता है कि लोगों की बातचीत से गाने के बोल मिल जाते हैं।”
‘डीजे वाले बाबू’ के गाने से मशहूर हुए बादशाह ने फिल्म ‘खूबसूरत’ का ‘अभी तो पार्टी शुरू हुई है’, ‘जज्बा’ का ‘आज रात का सीन’ और ‘कर गई चुल’, ‘बेबी को बेस पसंद है’, ‘काला चश्मा’ और हाल में फिल्म ‘वीरे दी वेंडिंग का’ ‘तारीफां’ जैसे कई सुपरहिट गाने गाए हैं।
बादशाह ने कई हिट बॉलीवुड गाने दिए हैं, लेकिन बतौर बादशाह वह सितारों के लिए नहीं खुद के लिए गाना ज्यादा पसंद करते हैं।
बादशाह से जब पूछा गया कि उन्हें खुद अलग अपना अल्बम या ट्रैक्स गाना पसंद है या फिर बॉलीवुड कलाकारों के लिए? उन्होंने कहा, “मुझे इंडीविजुअल गाना पसंद है। क्योंकि तब कोई रोकने-टोकने वाला नहीं होता है, जो मेरा मन करता है मैं वैसे ही गाता हूं। अपने खुद के गानों में स्वतंत्रता की भावना होती है।”
बादशाह के लिए रैप क्या है? उन्होंने कहा, “रैप मेरे लिए जिंदगी है। यह मेरी रोजी-रोटी है। मैंने इंजीनियरिंग में दाखिला लिया था, लेकिन मेरा दिल रैप में लगता था। मैंने इसके लिए काफी चुनौतियों का सामना किया और आखिरकार अपनी मंजिल को पा लिया। मुझे ऐसा लगता है कि जो काम आप दिल से करते हैं, उसमें आप अपना 100 फीसदी देते हैं, इसलिए मैंने दिल की सुनी और इसी दिशा में अपना करियर बनाने का फैसला किया।”
दिल्ली के रहने वाले बादशाह का असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है।
फिर आदित्य, बादशाह कैसे बन गए? उन्होंने कहा, “मैं शाहरुख खान का बहुत बड़ा प्रशंसक था। मैं जब अपने लिए स्टेज नेम ढूंढ़ रहा था तो एक दिन मैंने शाहरुख की फिल्म बादशाह देखी और उसे देखने के बाद मैंने अपना नाम बादशाह रख लिया। यह मुझे काफी अच्छा लगा।”
–आईएएनएस
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