नई दिल्ली : कुछ बरस पहले हॉलीवुड की एक फिल्म देखी थी, जिसमें मां और बेटी एक अस्पताल के एक ही वार्ड में अपने-अपने बच्चे को एक साथ जन्म देती हैं। अमेरिका सहित यूरोपीय देशों में अधेड़ उम्र में भी मां बनना सामान्य बात है, लेकिन भारत में इसे शर्म और इज्जत से जोड़कर देखा जाता है। आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘बधाई हो’ में वह खुद अपनी मां के गर्भवती होने पर सहज नजर नहीं आते।
सवाल यही है कि अगर एक औरत 40 पार की उम्र में गर्भवती होती है तो उसे लेकर समाज तो दूर, खुद उस महिला के अपने बच्चे क्यों असहज महसूस करते हैं?
इसी सवाल का जवाब देते हुए अपोलो हॉस्पिटल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजना शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “यह हमारे समाज की दोहरी मानसिकता है, विशेष रूप से युवाओं की, जिन्हें सिर्फ अपनी खुशियों से सरोकार होता है, जो खुद तो उम्र में अपने से 10 साल छोटी महिला या पुरुष से शादी करना चाहते हैं, लेकिन अपनी अधेड़ उम्र की मां के गर्भवती होने पर उन्हें शर्म महसूस होती है।”
वह कहती हैं, “मैं कुछ महीने पहले सऊदी अरब गई थी, वहां एक अस्पताल में मां, बेटी और दादी एक ही कमरे में बच्चों को जन्म दे रही थीं, सऊदी अरब जैसे रूढ़िवादी देश में यह चीज नॉर्मल है, लेकिन हमारे यहां बच्चों को शर्म आती है।”
भारत में जन्म संबंधी आकंड़ों के मुताबिक, प्रति 1,000 महिलाओं में 35 से 39 साल की महिलाओं में 30 बच्चों का जन्म होता है। 40 से 44 आयुवर्ग में नौ, जबकि 45 से 49 आयुवर्ग में चार बच्चों का जन्म होता है।
प्रिंस हैरी की पत्नी मेगन मार्कल ने 36 वर्ष की आयु में गर्भधारण किया है। भारत में भी 35 पार की महिलाओं में गर्भवती होने का चलन बढ़ रहा है, विशेष रूप से सफल करियर की चाह रखने वाली महिलाएं 30 की उम्र के आसपास घर बसा रही हैं और उनका पहला गर्भधारण 35 के आसपास ही होता है।
हालांकि, डॉ. रंजना 35 से पहले मां बनने को अधिक सुरक्षित मानती हैं। वह कहती हैं, “अधिक उम्र में मां बनने की अपनी जटिलताएं हैं, ऐसा नहीं है कि सभी मामले पेचीदे हैं, लेकिन देखने में यही आया है कि 35 से ज्यादा की उम्र में औरतों के गर्भधारण (कंसीव) करने में दिक्कत आती है। उम्र के बढ़ने के साथ ट्यूब डैमेज होने का भी खतरा रहता है।”
उन्होंने कहा, “अगर गर्भधारण कर लिया, तो हो सकता है बच्चे के शारीरिक या मानसिक विकास में कुछ दिक्कते हों। हाई ब्लड प्रेशर या मानसिक बीमारियों की संभावना रहती है। महिलाओं की सीजेरियन डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं। कई मामलों में महिला समय से पहले ही बच्चे को जन्म दे देती हैं।”
डॉ. रंजना ने आगे कहा, “मेरे ख्याल से मां बनने के लिए 35 तक की उम्र ठीक है, इसके बाद मुश्किलें बढ़ने के आसार रहते हैं।”
फोर्टिस अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में सीनियर कंसल्टेंट जयंती नंदा कहती हैं, “मुझे नहीं लगता कि अधेड़ उम्र में मां बनने में किसी तरह की शर्म किसी को भी महसूस होनी चाहिए। यह किसी भी महिला का अधिकार है कि वह यदि स्वस्थ है तो वह किसी भी उम्र में बच्चे को जन्म दे सकते ही।”
उन्होंने कहा, “कई मामले ऐसे आते हैं, जब 50 साल तक की महिलाएं स्वस्थ बच्चे को जन्म देती हैं। हालांकि, ऐसे मामले कम ही होते हैं। यह पूरी तरह से महिला पर निर्भर करता है, वह शारीरिक और मानसिक रूप से कितनी स्वस्थ है और अगर उसे इसमें कोई दिक्कत नहीं है तो किसी को भी दिक्कत नहीं होनी चाहिए।”
–आईएएनएस
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