नई दिल्ली : देश में अगले कुछ महीनों में आम चुनाव होने जा रहे हैं। इसे देखते हुए फेसबुक ने कहा है कि चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप रोकने में मदद करने और अपने मंच पर राजनीतिक व विज्ञापन संबंधी मुद्दों को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए वह अगले महीने भारत में चुनावी विज्ञापनों के लिए ट्रांसपेरेंसी टूल लांच करेगी। क्वाट्र्ज में मंगलवार को प्रकाशित रपट के अनुसार, सोशल मीडिया दिग्गज आगामी भारतीय चुनाव के दौरान खतरों की निगरानी अपने सिंगापुर परिचालन केंद्र से करेगी।
फेसबुक इंडिया के हवाले से बताया गया है, “सिंगापुर कार्यालय भारतीय चुनावों के लिए खतरों का प्रबंधन करने वाली टीम का केंद्र होगा।”
इससे पहले पिछले सोमवार देर रात एक ब्लॉग पोस्ट में फेसबुक ने कहा कि विज्ञापनदाताओं को राजनीतिक विज्ञापनों को खरीदने के लिए अधिकृत होने की जरूरत होगी और सोशल नेटवर्किं ग दिग्गज राजनीति व मुद्दों से संबंधित विज्ञापनों के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जानकारी देगा।
फेसबुक के उत्पाद प्रबंधक, सिविक इंगेजमेंट के निदेशक समिध चक्रवर्ती ने सोमवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, “हम सात वर्षो के लिए इन विज्ञापनों की एक सार्वजनिक रूप से खोजी जाने वाली लाइब्रेरी का निर्माण करेंगे। इस लाइब्रेरी में विज्ञापनों के बजट की रेंज, कितने लोगों ने उस तक पहुंच बनाई और कितने लोगों ने उसे देखा, उनकी उम्र, लिंग और स्थान के बारे में जानकारी शामिल होगी।”
फेसबुक ने कहा कि उसकी चुनाव शुचिता पर केंद्रित दो नए क्षेत्रीय संचालन केंद्र स्थापित करने की योजना है, जो उसके डबलिन व सिंगापुर कार्यालयों में स्थित होंगे।
उन्होंने कहा, “इससे हमारी वैश्विक टीमें पूरे क्षेत्र में चुनावी दौड़ पर बेहतर तरीके से काम कर पाएंगी।”
फेसबुक की ग्लोबल पॉलिटिक्स एंड गवर्मेट आउटरीच निदेशक केटी हारबाथ ने बताया, “ये टीमें फेक न्यूज, द्वेषपूर्ण भाषण और मतदाता दमन के खिलाफ बचाव की एक परत तैयार करेंगी और हमारे खुफिया, डेटा विज्ञान, इंजीनियरिंग, अनुसंधान, सामुदायिक संचालन, कानूनी और अन्य टीम के साथ तरीके से काम करेगी।”
कंपनी ने कहा कि वह अपने तीसरा पक्ष तथ्यान्वेषी कार्यक्रम में विस्तार करना जारी रखेगी। यह कार्यक्रम 16 भाषाओं में सामग्री को कवर करता है।
–आईएएनएस
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