बरेली – दो जंगली नर हाथियों को पीलीभीत टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया है। यह दोनों दो भाइयों की तरह हमेशा साथ रहते हैं। इनकी इसी घनिष्ठता की वजह से इन्हें करण-अर्जुन का नाम दिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
जंगल के अधिकारियों ने कहा कि दोनों वयस्क हाथी करीबी लगाव प्रदर्शित करते हैं और एक दूसरे से 10 मीटर से ज्यादा दूरी पर नहीं रहते। जंगल के अधिकारियों ने इन दोनों हाथियों का नाम ‘करण’ और ‘अर्जुन’ रख दिया है।
दोनों हाथियों को बुधवार को ट्रैंकुलाइज्ड किया गया और गुरुवार देर पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में छोड़ा गया।
झांसी के मुख्य वन संरक्षक व हाथी बचाव अभियान के प्रभारी पी.पी.सिंह ने कहा, “दोनो हाथी साथ रह रहे हैं। हमने उन्हें कभी अलग नहीं देखा। यहां तक कि जब हमने बुधवार को एक हाथी को ट्रैंकुलाइज्ड किया तो दूसरे हाथी ने जान बचाने के लिए भागने की कोशिश की।”
उन्होंने कहा, “यहां यह बहुत अलग था। दूसरा हाथी उसी इलाके में बना रहा और भागा नहीं। वास्तव में हाथी घटना स्थल के 50 मीटर के दायरे में बना रहा।”
माना जा रहा है कि यह दोनों शायद नेपाल में अपने झुंड से अलग होकर पीलीभीत पहुंच गए। इन्हें पहली बार 24 जून को पीलीभीत के अमारिया ब्लॉक में देखा गया था।
–आईएएनएस
और भी हैं
झांसी हादसा : एक हादसे ने छीन ली 10 जिंदगियां, चिल्ड्रन वार्ड कैसे बना बच्चों की ‘कब्रगाह’ ?
जर्मनी में 3.2 मिलियन बुजुर्गों पर बढ़ा गरीबी का खतरा
राहुल, प्रियंका सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने झांसी की घटना पर जताया दुख