नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष अक्षित दहिया ने सोमवार को दावा किया कि कुछ छात्र समूहों द्वारा विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने से जबरन रोका गया। दहिया द्वारा जारी एक बयान में आरोप लगाया गया है कि जब वह छात्रों को परीक्षा हॉल में प्रवेश करने में मदद करने के लिए मौके पर पहुंचे तो छात्र समूहों ने उन पर हमला भी किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय में फिलहाल स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षाएं चल रही हैं।
दहिया ने कहा कि कुछ मुट्ठी भर छात्र विद्यार्थियों के सामने यह भी दावा कर रहे थे कि ये परीक्षाएं बाद में होंगी।
उन्होंने कहा, “छात्रों ने मुझे मदद के लिए बुलाया और जब मैं वहां गया तो मुझ पर हमला किया गया।”
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ मिलकर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया है।
दोनों संगठन आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर रविवार रात के विरोध प्रदर्शन से भी दूर रहे थे, जिसे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने और सीएए के खिलाफ आयोजित किया गया था।
राष्ट्रीय राजधानी के बीचोबीच रविवार को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लगभग 1,000 लोगों की उग्र भीड़ देखने को मिली। इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, जिससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
भीड़ द्वारा कम से कम पांच बसों में आग लगा दी गई। इसके अलावा विभिन्न कारों और मोटरसाइकिलों को भी निशाना बनाया गया।
दक्षिणी दिल्ली के हिस्सों में किए गए पथराव में दो फायर ब्रिगेड के अधिकारी घायल हो गए। यहां लगभग एक घंटे तक आगजनी और तोड़फोड़ का घटनाक्रम चला, जिसने स्थानीय निवासियों में भी खौफ पैदा कर दिया।
–आईएएनएस
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