जयपुर:कांग्रेस नेता राहुल गांधी जयपुर में मंगलवार को आयोजित ‘युवा आक्रोश’ रैली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) जैसे प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों पर चुप रहे, जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। राजनीतिक विश्लेषक जहां इसे मुद्दों का परिवर्तन मानते हैं तो पार्टी नेता भी इस पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कह रहे हैं।
भाजपा के राज्य प्रमुख सतीश पूनिया ने कहा कि रैली में भाग लेने वालों को बॉलीवुड गीतों पर नाचते देखा गया। इसमें न तो युवा थे और रैली में न ही कोई आक्रोश (गुस्सा) था।
पूनिया ने कहा कि हैरानी की बात है कि राहुल गांधी सीएए व एनआरसी पर नहीं बोले। उन्होंने कहा कि ‘यह आश्चर्यजनक है कि चुनाव दिल्ली में है और कांग्रेस के ‘प्रिंस’ जयपुर में रैली को संबोधित कर रहे हैं।’
हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठों ने कहा कि पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी जमीन खो चुकी है और वह युवा बेरोजगारी जैसे नए मुद्दों को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है, जिसमें अधिक राजनीतिक फायदा है।
नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक पार्टी नेता ने कहा, “सीएए मुद्दे को बहुत उठाया जा चुका है। इसलिए अर्थव्यवस्था व युवा पर रैली में चर्चा की गई।”
राजनीतिक विश्लेषक नारायण बरेठ कहते हैं, “वर्तमान समय में कांग्रेस इन मुद्दों में परिवर्तन की कोशिश कर रही है। जैसा कि भाजपा ध्रुवीकरण और धार्मिक भावनाओं को भुनाने में लगी है, कांग्रेस अब रोजगार, उद्योग और जीएसटी जैसे वास्तविक मुद्दों पर पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है। यह मुद्दों की लड़ाई जैसा दिख रहा है, जहां भाजपा अपने धार्मिक आधार पर पकड़ बनाने की कोशिश में है तो कांग्रेस मुद्दों को बदलकर अर्थव्यवस्था व रोजगार को आगे लाना चाहती है।”
–आईएएनएस
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