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(161031) -- LAHORE, Oct. 31, 2016 (Xinhua) -- Members of a Pakistani Hindu family pray to mark Diwali, the Festival of Lights, in eastern Pakistan's Lahore on Oct. 30, 2016. The Hindu festival of lights, Diwali, marks the homecoming of the God Lord Ram after vanquishing the demon king Ravana and symbolises taking people from darkness to light and the victory of good over evil. (Xinhua/Jamil Ahmed) (zw)

पाकिस्तान के हिंदू समुदाय ने भारत से वीजा बाधाओं को दूर करने का आग्रह किया

लाहौर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के हिंदू समुदाय ने भारत सरकार से मांग की है कि वह उन्हें वीजा मिलने में आ रही बाधाओं को दूर करे जिससे वे भारत में अपने मृत संबंधियों के अंतिम संस्कार में हिस्सा ले सकें या पाकिस्तान में जिनकी मृत्यु हुई है, उनकी अस्थियां गंगा नदी में विसर्जित करने के लिए भारत जा सकें। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदू समाज अपने मृतकों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने को बेहद महत्व देता है। समुदाय के सदस्यों में अस्थियों को भारतीय शहर हरिद्वार में गंगा में विसर्जित करने की परंपरा रही है।

रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय का बड़ा हिस्सा अपने मृतकों को दफनाता है लेकिन जो सवर्ण जातियों के हिंदू हैं, वे मृतकों का दाह संस्कार करते हैं और अंतिम क्रियाकर्म के तहत अस्थियां गंगा में विसर्जित करने भारत जाते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव के कारण भारत ने अपनी वीजा नीति सख्त की है जिससे हिंदू समुदाय के लोगों के लिए अपने संबंधियों के अंतिम क्रियाकर्म में शामिल होने के लिए भारत जाना मुश्किल हो गया है। सूत्रों का कहना है कि कई परिवारों द्वारा भारतीय उच्चायोग को दी गई वीजा अर्जी एक से अधिक बार खारिज कर दी गई है या कई आपत्तियों के साथ लौटा दी गई है।

हिंदू समुदाय के नेता व पूर्व सांसद दीवान चंद चावला ने कहा कि यह हिंदू विश्वास है कि दाह संस्कार के बाद अस्थियों को पवित्र नदियों में प्रवाहित कर देना चाहिए। अस्थियां जब गंगा में प्रवाहित की जाती हैं तो मृतक के सभी पाप धुल जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इस समय हजारों मृतकों की अस्थियां सिंध के अलग-अलग मंदिरों में रखी हुई हैं। इन्हें भारत ले जाया जाना है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार महान लोकतंत्र होने का दावा करती है लेकिन वे पाकिस्तानी हिंदुओं को वीजा नहीं देकर उन्हें उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित कर रही है।”

एक अन्य पूर्व सांसद कांजी राम ने इस बात पर दुख जताया कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय को अपनी धार्मिक परंपरा से हटकर अपने मृतकों को दफनाने पर बाध्य होना पड़ रहा है। उन्होंने पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग से हिंदू परिवारों को मानवीय आधार पर वीजा देने का आग्रह किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में एक अनुमान के अनुसार करीब 80 से 90 लाख हिंदू रहते हैं और इनमें 80 फीसदी दलित हैं। दलित समुदाय में मृतकों के दाह संस्कार के बजाए उन्हें दफनाने की प्रथा है। कांजी राम ने कहा कि इसकी सबसे बड़ी वजह इनकी गरीबी है। दाह संस्कार में और फिर अस्थियों को भारत ले जाने में होने वाले खर्च को वहन करने की क्षमता नहीं होने के कारण दलित मृतकों को दफनाते हैं।

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