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New Delhi: RSS chief Mohan Bhagwat addresses a press conference on the Supreme Court's verdict in the Ayodhya title dispute case, in New Delhi on Nov 9, 2019. The apex court ruled to give the disputed land in Ayodhya to the Hindus for a temple and five acres of alternate land to the Muslims for a mosque. (Photo: IANS)(Photo: IANS)

बेंगलुरू में 15 मार्च से संघ की बैठक, राम मंदिर व सीएए पर होगी चर्चा

नई दिल्ली| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय प्रतिनिधिसभा की बैठक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में 15 मार्च से शुरू होकर 17 मार्च तक चलेगी। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा सभी अनुशांगिक संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। प्रतिनिधिसभा की बेंगलुरू में पांचवीं बैठक होगी, जबकि कर्नाटक में सातवीं बैठक होगी। बैठक में संघ के कामकाज की समीक्षा होगी और आगामी एक साल का कार्यक्रम तय होगा। बैठक में संगठन विस्तार और संघ के कार्य विस्तार पर भी चर्चा होगी। इस दौरान शाखा विस्तार, संघ प्रशिक्षण वर्ग पर खास तौर पर चर्चा होगी।

बैठक में सभी क्षेत्रों के प्रांत प्रमुखों द्वारा उनके राज्य की मौजूदा परिस्थिति पर चर्चा होगी। बैठक में भाजपा के संगठन मंत्री वी.एल. संतोष और सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश भी शिरकत करेंगे। वहीं बैठक के अंतिम दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्य्क्ष जे.पी. नड्डा भी बैठक में हिस्सा लेंगे।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक में देश के मौजूदा माहौल पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। इसमें देशभर के 14 हजार स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे। बैठक में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राम मंदिर और जनसंख्या नियंत्रण कानून पर प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है।

महिला सेविका समिति को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है। तीन दिनों तक चलने वाली बैठक का संचालन सह सर कार्यवाह भैयाजी जोशी करेंगे, जबकि सर कार्यवाह मोहन भागवत बैठक में मौजूद रहेंगे।

गौरतलब है कि आरएसएस की प्रतिनिधि सभा संघ की सर्वोच्च नीति निर्धारक समिति है, जिसकी साल में एक बार बैठक आयोजित की जाती है। इससे पहले संघ की प्रतिनिधिसभा की बैठक 8 मार्च 2019 को ग्वालियर में हुई थी।

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