नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान देश जारी लॉकडाउन को बढ़ाने के संकेत दिए हैं। मोदी ने कहा कि कोरोनावायरस के खिलाफ लंबी लड़ाई है। सभी की जिंदगी बचाना सरकार की प्राथमिकता है।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ के समान है। इसके लिए कड़े फैसलों की जरूरत है और हमें निरंतर सतर्क रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं एक बार फिर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस संदर्भ में बात करूंगा।
माना जा रहा है कि 11 अप्रैल को बुलाई गई मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद ही लॉकडाउन की मियाद बढ़ाये जाने का फैसला होगा।
ध्यान रहे कि कोरोनावायरस और लॉकडाउन को लेकर मोदी ने बुधवार को राजनीतिक पार्टियों के फ्लोर लीडर्स के साथ बातचीत की। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए हुई इस बैठक में मोदी ने भाजपा, कांग्रेस, डीएमके, एआईएडीएमके, टीआरएस, माकपा, टीएमसी, शिवसेना, राकांपा, अकाली दल, लोजपा, जद(यू), सपा, बसपा, वाईएसआर कांग्रेस और बीजद के फ्लोर लीडर्स के साथ कोरोना और लॉकडाउन पर चर्चा की।
बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन के विस्तार का सुझाव दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन बदलती परिस्थितियों में देश को एक साथ अपनी कार्य संस्कृति और कार्यशैली में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि “सरकार की प्राथमिकता हर जीवन को बचाना है। कोरोनावायरस के कारण हम गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और सरकार इससे निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इस बीच 80 फीसदी राजनीतिक दल लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें राज्यों से इसी तरह की मांग मिल रही है और वह उचित समय में हितधारकों के साथ चर्चा करके निर्णय लेंगे।
गौरतलब है कि सभी दलों से बात करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे। शनिवार मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे, जिसमें कोरोना के मौजूदा हालात पर चर्चा होगी।
यॅ दूसरी बार होगा जब प्रधानमंत्री कोरोनावायरस के मसले पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे। इससे पहले देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू करने के बाद मोदी ने हर राज्य के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की थी। प्रधानमंत्री इसी मुद्दे पर अब तक अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर चुके हैं। इनमें मेडिकल, मीडिया, समाजसेवा, बिजनेस समेत अन्य तबकों के कई लोग शामिल रहे हैं।
–आईएएनएस
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