नई दिल्ली | केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने देश भर के अनेक विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, विद्यालयों, अध्यापकों एवं छात्रों से देश एवं दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस महामारी के बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की।
निशंक ने सभी अध्यापकों को यह भी आश्वासन दिया कि अगर वो खुद या उनके परिवार का कोई भी सदस्य दुर्भाग्यवश बीमार हो गया तो वो अपने प्रधानाचार्य या कुलपति से संपर्क करें। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि मंत्रालय की ओर से सभी को सम्पूर्ण चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करवाई जाएगी।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने न सिर्फ उनकी समस्याओं को सुना बल्कि इस महामारी से लड़ने के लिए किये जाने वाले उपायों पर लोगों को जागरूक करने में उनकी भूमिका पर उनका आभार भी व्यक्त किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केंद्रीय मंत्री के साथ देश भर से 800 से अधिक लोग जुड़े।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये निशंक ने कहा, “मैं देश भर के 1000 विश्वविद्यालयों, 45000 महाविद्यालयों, 15 लाख विद्यालयों, एक करोड़ से अधिक शिक्षकों एवं 33 करोड़ से अधिक छात्रों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने कोरोनावायरस जैसी महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सभी लोगों ने इस संकट की घड़ी में न सिर्फ अभूतपूर्व धैर्य का परिचय दिया है बल्कि लोगों को भी इस महामारी के खिलाफ जागरूक किया है ताकि वो स्वस्थ रह सकें और समाज में इस महामारी की वजह से ज्यादा नुकसान न हो।”
सभी अध्यापकों का अभिनंदन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सभी शिक्षकों की प्रतिबद्धता ही है कि देश में इतने कम समय में ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली शुरू हो गयी जिसका लाभ करोड़ों विद्यार्थी उठा रहे हैं।
पोखरियाल ने देश भर की आईआईटी समेत सभी श्रेष्ठ संस्थाओं को कोरोनावायरस से लड़ाई में उपयोग में लाई जाने वाली चिकित्सा उपकरणों को तैयार करने के लिए बधाई दी।
इस दौरान निशंक ने सभी अध्यापकों एवं छात्रों की समस्याओं को भी ध्यान से सुना। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मंत्रालय उनकी सभी समस्याओं से अवगत है और उन्होनें सभी को आश्वासन दिया कि न सिर्फ मानव संसाधन मंत्रालय बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश भर के अध्यापकों एवं छात्रों के साथ खड़े हुए हैं।”
मानव संसाधन विकास मंत्री ने सभी से यह भी आग्रह किया कि सभी शिक्षक एवं छात्र न सिर्फ खुद आयुष मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करें बल्कि अन्य लोगों को भी इसका पालन करने के लिए प्रेरित करते रहें।
–आईएएनएस
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