संजीव कुमार सिंह चौहान
नई दिल्ली | कोरोना की कमर तोड़ने में जुटी दिल्ली पुलिस के कई जवान पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद भी दिल्ली पुलिस के जवानों का जज्बा कम नहीं हो रहा है। ऐसा ही एक मामला अब दक्षिणी जिले के महरौली थाने में तैनात महिला सिपाही का सामने आया है। कोरोना से भयभीत इस महिला के परिवार वालों ने लाख समझाया कि, वो दिल्ली पुलिस से छुट्टी लेकर घर बैठ जाये। घर वालों ने डेढ़ साल के मासूम बेटे की दुहाई और उसकी जिंदगी का भी वास्ता दिया। अपनी पर अड़ी और मजबूत जज्बे वाली जांबांज महिला सिपाही ने मगर दो टूक सबको बता दिया, ‘कोरोना जैसी मुसीबत में भी मैं पुलिस की ड्यूटी से छुट्टी लेकर घर बैठ जाऊंगी तो, फिर कब के लिए पुलिस की वर्दी पहनी है?’
ड्यूटी के प्रति समर्पित और कोरोना जैसी घातक महामारी से भी न डरने वाली 26 साल की महिला सिपाही मौसम यादव दक्षिणी दिल्ली जिले के महरौली थाने में तैनात हैं। इस बारे में शुक्रवार को आईएएनएस ने डीसीपी दक्षिणी अतुल कुमार ठाकुर से बात की। उन्होंने जांबांज महिला सिपाही मौसम यादव के जज्बे से बाकी तमाम पुलिसकर्मियों को भी सीखने की सलाह दी।
डीसीपी ने कहा, “पुलिस की ड्यूटी के लिए ऐसी परेशानी में अडिग और सब कुछ छोड़ने वाली सिपाही मौसम यादव दिल्ली पुलिस ही नहीं वरन, हिंदुस्तान की तमाम बाकी राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जाबांजों के लिए भी उदाहरण कहिये या फिर मिसाल बनी हैं। मुझे इस बात का गर्व है कि मौसम मेरे जिले के महरौली थाने में ही पोस्टिड हैं।”
महिला सिपाही मौसम यादव, राष्ट्रीय राजधानी से सटे हरियाणा के गुरुग्राम स्थित राजेंद्र पार्क इलाके में सपरिवार रहती हैं। मौसम यादव के पति प्रवीन यादव प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं। मौसम और प्रवीन की शादी तीन साल पहले हुई थी। प्रवीन और मौसम यादव के डेढ़ साल का बेटा है। शादी के बाद से ही मौसम यादव की पुलिस की नौकरी को लेकर रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कतें आने लगी थीं। कुछ लोग नौकरी पर तरह-तरह की बातें करते थे। इस सबके बाद भी मगर मौसम और उनके पति प्रवीन चुप रहे।
दक्षिणी जिला डीसीपी अतुल ठाकुर के सामने आई सच्चाई के मुताबिक, मौसम यादव के सामने पुलिस की नौकरी में सबसे ज्यादा परेशानी खड़ी हुई तब, जब देश में कोरोना जैसी महामारी ने पांव पसारने शुरू कर दिये। परिवार वालों ने फिर दिल्ली पुलिस की बहादुर महिला सिपाही और अपने घर की नई-नई बहू मौसम यादव पर दबाव दिया कि, वो कोरोना के दौरान पुलिस की ड्यूटी नहीं करेगी। पुलिस की ड्यूटी से वो (बहू मौसम यादव) छुट्टी लेकर घर बैठ जाये और छोटे बच्चे व पति की देखभाल करे सुरक्षित रहकर। इतना ही नहीं बात यहां तक आ पहुंची कि, चाहे मौसम यादव को दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़नी पड़ जाये। मगर वो किसी भी कीमत पर कोरोना के दौरान ड्यूटी करने को घर के बाहर कदम नहीं रखेगी।
पहले तो इस महिला सिपाही ने परिवार वालों को समझाया। यह कहकर कि उसने पुलिस की खाकी वर्दी खुद के लिए नहीं लोगों के लिए पहनी है। जब इस सब समझाने बुझाने का परिवार वालों पर कोई असर नहीं हुआ तो, मौसम ने दो टूक सबको बता दिया कि, वो पुलिस की ड्यूटी नहीं छोड़ेगी।
उसने दो टूक सबसे कह दिया, “अभी ड्यूटी नहीं करुंगी तो कब करुंगी?” महिला सिपाही मौसम यादव की इस हाजिर-जवाबी और खाकी के प्रति उसकी इस जिद के चलते, परिवार ने अपने पांव पीछे खींच लिये।
जैसे ही लॉकडाउन शुरू हुआ वैसे ही प्राइवेट नौकरी कर रहे मौसम के पति को कंपनी ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ के लिए बोल दिया। यह मौसम यादव के सपनों को पंख लगाने के लिए मजबूत संबल मिल गया। फिलहाल तमाम दुनियादारी से बेखबर अब दिल्ली के महरौली थाने में तैनात यह महिला सिपाही कोरोना से बेखौफ होकर दिल्ली की सड़कों पर पुलिस की ड्यूटी बजा रही है,जिसके लिए उसने खाकी वर्दी पहनी थी। जबकि वर्क फ्रॉम होम पर घर में मौजूद पति उसके सबसे मददगार के रुप में डेढ़ साल के बेटे को पाल-पोस रहे हैं।
बीते चंद दिन पहले तक जो ‘अपने’ पुलिस की ड्यूटी को लेकर सिपाही मौसम यादव की खिलाफ बगावत पर उतरे हुए थे। अब उसी अपनी दबंग बहू-बेटी मौसम यादव को दक्षिणी दिल्ली के अंहिसा स्थल पिकेट पर खाकी वर्दी में मास्क लगाये, हाथों में चूड़ियां और दस्ताने पहने ड्यूटी देते हुए देखकर गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। जबकि कोरोना सी इस महामारी में दिल्ली पुलिस के बाकी तमाम जवानों के लिए 26 साल की महिला सिपाही मौसम यादव ‘रोल-मॉडल’ के रुप में उभर कर सामने आयी हैं।
–आईएएनएस
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