नई दिल्ली: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने ऐसे किसी भी कर्मचारी ( नियमित, संविदात्मक, आरएमआर, टीएमआर, आउटसोर्स श्रमिक आदि) की कोरोना संक्रमण से मृत्यु के मामले में 15 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करने का निर्णय किया है, जो अपनी ड्यूटी के दौरान COVID-19 के संक्रमण की निकटता में काम कर रहे हैं और / या COVID-19 बीमारी के संपर्क के खतरे में हैं।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद अपने क्षेत्र के निवासियों और महत्वपूर्ण कार्यालयों, केंद्र सरकार के भवनों के साथ-साथ राजनयिक मिशनों को भी लॉकडाउन अवधि के दौरान सभी नगरपालिका सेवाएं प्रदान कर रही है। इसके साथ ही पालिका परिषद अपने क्षेत्र में COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए अपने सभी प्रकार के कर्मचारियों जैसे नियमित, संविदात्मक, आरएमआर, टीएमआर, आउटसोर्स श्रमिकों आदि के माध्यम से दृढ़तापूर्वक हर एक मोर्चे पर लड़ भी रही है।
हालांकि, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद COVID-19 से अपने कर्मचारियों / श्रमिकों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सभी उपाय भरसक अपना रही है, फिर भी किसी स्थिति में COVID-19 के संक्रमण के कारण मृत्यु के मामले में उनके परिवार के सदस्यों को वित्तीय मदद का आश्वासन देना आवश्यक मानती है, जिससे कि ऐसे कर्मचारी इस कठिन समय मे पालिका परिषद की सेवा करने में स्वयं सक्षम हो सकें ।
पालिका परिषद के कल्याण विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह मुआवजा इसके जारी होने की तारीख से 3 महीने की अवधि के लिए सभी पात्र मामलों के लिए उपलब्ध होगा। यह एक अस्थायी उपाय है और इसके लिये पालिका परिषद में नियुक्ति के मानदंडों को पूरा करने के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है। मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को ही 15 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह पालिका परिषद में ड्यूटी पर कार्यरत नहीं होने वाले कर्मचारियों को कवर नही करेगा, जहां COVID-19 से मृत्यु के समय ड्यूटी के साथ संबन्ध स्थापित नहीं किया जा सके।
पालिका परिषद के जारी आदेश के अनुसार मुआवजे के लिए दावा मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा संबंधित विभाग के प्रमुख के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका विधिवत रूप से कल्याण विभाग द्वारा अध्यक्ष, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए और लेखा विभाग द्वारा भुगतान जारी करने के लिए मामले को आगे बढ़ाने के लिए सत्यापित किया जाएगा।
आउटसोर्स श्रमिकों के मामले में, मुआवजा दावे को जमाकर्ता द्वारा श्रमिक और उसके परिवार के सदस्यों की स्थिति को सत्यापित करने के बाद जमा किया जाएगा, जो संबंधित विभाग द्वारा दावे की जांच और प्रक्रिया पूरा करके फिर इसे कल्याण विभाग को अग्रेषित करेंगे।
ऐसे सभी मामलों की जांच (स्क्रीनिंग ) नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के निदेशक (कल्याण), निदेशक (चिकित्सा सेवाएं), निदेशक (वित्त) और संबंधित विभागाध्यक्ष की एक समिति द्वारा की जाएगी।
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