नई दिल्ली | केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 1.87 लाख पंचायतों में 2.33 करोड़ ग्रामीणों को काम की पेशकश की गई है।
केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, “प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करने के लिए 1.87 लाख पंचायतों में 2.33 करोड़ ग्रामीणों को मनरेगा के तहत काम प्रदान किया गया है और उन्हें सक्रिय रूप से नामांकित किया जा रहा है।”
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए 11 हजार करोड़ रुपये भेजे गए हैं।
सरकार ने 13 मई (2020) तक मई 2019 की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत अधिक 14.62 करोड़ कामकाज का सृजन किया। उन्होंने कहा, “इससे अपने गृह राज्यों में लौट आए प्रवासी मजदूरों को काम पाने में मदद होगी।” केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) का इस्तेमाल आश्रय स्थापित करने और शहरी गरीबों को भोजन व पानी उपलब्ध कराने के लिए करें और इसमें प्रवासी मजदूरों को भी शामिल करें। वित्त मंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए 11 हजार करोड़ रुपये भेजे गए हैं।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) ने अब तक तीन करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर सैनिटाइजर्स प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान रोजगार पैदा करने के लिए 7 हजार 200 नए एसएचजी का गठन किया गया है।
–आईएएनएस
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