छिंदवाड़ा| कोरोना महामारी के कारण उपजी समस्या से एक बड़े वर्ग की रोजी-रोटी संकट में पड़ गई। इन जरूरतमंदों की मदद के लिए हर तरफ से हाथ आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के रिधौरा गांव में सक्षम लोगों ने ‘अनाज बैंक’ बनाकर जरूरतमंदों के लिए सार्थक पहल की है, ताकि यहां कोई भी भूखा न रहे।
कोरोना महामारी के कारण बड़ी संख्या में मजदूर अपने गांव को लौटे हैं, तो दूसरी ओर सारे काम काज बंद पड़े हैं। इससे हर दिन कमाने और खाने वालों के सामने संकट खड़ा हो गया। इस स्थिति से निपटने के लिए परासिया विकासखंड के रिधौरा गांव में ‘अनाज बैंक’ बनाया गया, ताकि जरूरतमंद को आसानी से खाद्यान्न मिल सके।
गांव के लोगों को मुसीबत से कैसे दूर रखा जाए, इसके लिए रिधौरा के पटवारी राजेश चौरसिया ने अपने पटवारी हल्के में आने वाले गांवों के संपन्न किसानों से आपस में अनाज इकट्ठा करने पर चर्चा की, ताकि लॉकडाउन के दौरान बाहर से आ रहे मजदूर और क्षेत्र में निवासरत दिहाड़ी मजदूरों की दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो सके। पटवारी चौरसिया का सुझाव सबको अच्छा लगा तो एक अनाज बैंक बनाया गया और देखते ही देखते 23 क्विंटल से ज्यादा गेहूं जमा हो गया।
पटवारी राजेश चौरसिया बताते हैं कि क्षेत्र के समृद्ध किसानों के जरिए किसी से एक क्विंटल, किसी से 50 किलो अनाज इकटठा कर अनाज बैंक बनाया गया। यह अनाज बैंक जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो रहा है, क्योंकि अनाज के पैकेट बनाकर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराए गए हैं।
अनाज की कमी के कारण पेट भरने में की समस्या हो गई थी, बच्चे छोटे हैं। गांव में कई परिवार हैं जो समस्याग्रस्त थे। ऐसे में अनाज की मदद मिली, जिससे बड़ी राहत हुई है।
इस अनाज बैंक की पहल की कलेक्टर सौरभ सुमन भी सराहना करते हैं और कहते हैं कि रिधौरा गांव में किसानों ने जन सहयोग से अनाज बैंक की स्थापना की है। इस अनाज बैंक से जरूरतमंदों की मदद की जा रही है। इस अनाज बैंक में अभी भी अनाज है। जिन भी लोगों को मदद की जरूरत होगी, उन्हें सहयोग किया जाएगा।
कोरोना के काल में जरूरतमंदों की मदद के लिए बढ़े हाथों ने मानवता की सेवा का संदेष दिया है। यह अनाज बैंक जहां मुसीबत के वक्त जरूरतमंदों का सहारा बना है, वहीं दूसरे इलाकों के लिए एक मिसाल भी बना है।
–आईएएनएस
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