नई दिल्ली| वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा किए जानलेवा हमले में भारतीय सेना के कई जवान ‘गंभीर रूप से घायल’ हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है। बुधवार को सरकारी सूत्रों ने कहा कि इसे चीनी सैनिकों द्वारा किए गए सबसे घातक हमले में से एक के रूप में देखा जा रहा है, इससे ‘हताहतों की संख्या’ अभी और बढ़ सकती है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि गंभीर रूप से घायल जवानों की संख्या दोहरे अंकों में है। हालांकि, भारतीय सेना ने संख्या पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि कई जवान घायल हैं।
बता दें कि चीनी सेना द्वारा भारतीय सेना के जवानों पर सोमवार रात हमला हुआ और यह लगभग छह से सात घंटे तक जारी रहा।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को लद्दाख क्षेत्र के गलवान घाटी में हुए हमले के स्थल से भारतीय हेलीकॉप्टरों ने शवों और घायल जवानों को लाने के लिए करीब 16 बार उड़ान भरी। भारतीय सेना के 4 जवानों के शव बुधवार सुबह गलवान से लेह के लिए रवाना किए गए।
मंगलवार को, भारतीय सेना ने कहा कि अधिकारियों समेत 20 जवान इस हिंसक झड़प में शहीद हुए थे। बल ने यह भी कहा कि हमला क्रूर था और इसमें लगी चोटें गंभीर थीं।
भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात एक बयान जारी कर कहा, “17 भारतीय सैनिक, जो गतिरोध वाले स्थान पर ड्यूटी में थे वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वे ऊंचाई वाले इलाकों में शून्य से नीचे वाले तापमान में थे। गंभीर चोटों के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया। जिससे कुल हताहतों की संख्या 20 तक पहुंच गई।”
सेना ने आगे कहा कि भारतीय और चीनी सैनिक गलवान क्षेत्र से हट गए हैं जहां वे 15 जून और 16 जून, 2020 की रात को भिड़ गए थे।
सेना ने कहा कि भारतीय सेना राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए ²ढ़ता से प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि पीएलए के सैनिकों ने सोमवार रात गश्त के दौरान भारतीय सेना के जवानों के एक छोटे समूह पर हमला किया था जिससे भारतीय कमांडिंग अधिकारी सहित तीन जवान शहीद हो गए थे।
फिर दोनों पक्षों से हिंसक झड़प में तीव्रता बढ़ गई और यह देर रात तक जारी रही। लड़ाई के दौरान कई भारतीय सैनिक लापता हो गए। मंगलवार अल सुबह भारतीय और चीनी शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने हालात को ठीक करने के लिए बैठक की।
–आईएएनएस
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