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सैनिकों को आत्मरक्षा में गोलीबारी की अनुमति दी जाए : अमरिंदर

चंडीगढ़: भारत-चीन गतिरोध पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों द्वारा सरकार को समर्थन देने के एक दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को केंद्र से आग्रह किया कि सीमा पर आत्मरक्षा और राष्ट्रीय अखंडता की हिफाजत में सैनिकों को गोलीबारी की अनुमति देने के लिए नीति में बदलाव किया जाए।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्होंने बगैर हथियार के सैनिकों को एलएसी पर भेजने का समर्थन नहीं किया। उन्होंने अपने फेसबुक लाइफ के सातवें संस्करण में कहा कि सरकार की नीति यह होनी चाहिए कि यदि वे हमारी तरफ के एक को मारते हैं तो हम उनकी तरफ पांच लोगों को मारेंगे।

उन्होंने कहा कि सनिकों को निहत्थे भेजना या अपने बचाव की अनुमति नहीं देना सरासर गलत है। उन्होंने आगे कहा कि जब वह और उनके सैन्य सहकर्मी एलएसी पर दो साल की अपनी पोस्टिंग के दौरान पेट्रोलिंग करते थे, तब हर तरह के हथियारों से सुसज्जित होते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम परमाणु युग में हैं और हम डंडे लेकर जा रहे हैं और डंडे से पीटे जा रहे हैं।” उन्होंने इस पर अचम्भा जाहिर किया कि चीनी सैनिकों द्वारा डंडे की पिटाई और पथराव से 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए, जिसपर सहज रूप में विश्वास नहीं किया जा सकता। इनमें चार सैनिक पंजाब के भी शामिल थे।

अमरिंदर ने पंजाब के चार सैनिकों के गलवान घाटी में मारे जाने पर आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, सैन्यकर्मी के रूप में भी हम हमेशा गोलियां खाने को तैयार रहते हैं।

अमरिंदर ने कहा कि शहीदों के परिजनों के लिए मुआवजे की राशि को 12 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने के अलावा उनकी सरकार ने स्कूलों के नामकरण शहीदों के नाम पर करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक उन्होंने दो के परिवारों से बात की है।

सिख फॉर जस्टिस के वकील गुरपटवंत सिंह द्वारा चीन का समर्थन करने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भारत में न सिर्फ अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि उसमें सक्रिय रूप से शामिल भी है।

अमरिंदर ने कहा कि वह पन्नू के विभाजनकारी एजेंडे को सफल नहीं होने देंगे और राज्य की शांति में किसी कीमत पर खलल नहीं पड़ने देंगे। उन्होंने खालिस्तान समर्थनक प्रोपागंडिस्ट को चेतावनी दी कि उसमें हिम्मत हो तो वह दूसरे देशों में छिपकर जहरीले अभियान चलाने के बदले पंजाब आए।

मुख्यमंत्री ने पंजाब में शांति बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा करते हुए कहा कि शांति के बगैर कोई उद्योग राज्य में नहीं आएगा, और युवाओं के लिए रोजगार नहीं पैदा होगा।

–आईएएनएस

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