नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए 15 जून की रात को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों के ‘हिंसक झड़प’ के परिदृश्य में एकजुटता और सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के मद्देनजर योग के माध्यम से अपने श्वसन प्रणाली को मजबूत कर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर जोर दिया। गौरतलब है कि कोविड-19 संक्रमण सबसे अधिक श्वसन प्रणाली पर आघात करता है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को बधाई दी और कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एकजुटता का दिन है और यह दिन सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश देता है।
मोदी ने कहा, “योग एकता के लिए एक शक्ति के तौर पर उभर कर सामने आया है और मानवता के बंधनों को गहरा बनाता है। इसमें भेदभाव नहीं है। यह जाति, रंग, लिंग, विश्वास और राष्ट्रों से परे है। योग को कोई भी अपना सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर हम अपने स्वास्थ्य और आशाओं के धुनों के तार को बेहतर कर सकें, तो वह दिन दूर नहीं जब दुनिया स्वस्थ और खुशहाल मानवता की सफलता का गवाह बनेगी। ऐसा करने में योग निश्चित रूप से हमारी मदद कर सकता है।”
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि वायरस विशेष रूप से हमारी श्वसन प्रणाली पर हमला करता है।
उन्होंने कहा, “जो हमारी श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाने में हमारी सबसे ज्यादा मदद करता है वह है प्राणायाम जैसे श्वास संबंधी व्यायाम।”
उन्होंने आगे कहा, “एक सजग नागरिक के रूप में हम परिवार और समाज के रूप में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे। हम प्रयास करेंगे कि घर पर योग और परिवार के साथ योग के अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। हम जरूर सफल होंगे, हम जरूर विजयी होंगे।”
–आईएएनएस
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