नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने 31 जुलाई तक राष्ट्रीय राजधानी में साढ़े पांच लाख कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने का आकलन किया था, लेकिन अब स्वयं दिल्ली सरकार का मानना है कि 31 जुलाई तक संक्रमण के इतने अधिक मामले नहीं होंगे। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार शाम कहा, हमें उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में स्थिति में और सुधार आएगा। जून के पहले सप्ताह में जिस तरह विशेषज्ञों ने संभावना जताई थी कि 31 जुलाई तक दिल्ली में 5 लाख 50 हजार पॉजिटिव केस होंगे, निश्चित रूप से अब उस आंकड़े तक पहुंचने की संभावना बहुत कम है।
दिल्ली में कोरोना की स्थिति और रोकथाम को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को एक साक्षात्कार दिया। अमित शाह के इस साक्षात्कार पर दिल्ली सरकार ने प्रतिक्रिया दी है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “हमारे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए सभी एजेंसियों से मदद और सहयोग मांगा। केंद्र सरकार, धार्मिक संगठनों, राधा स्वामी सत्संग, अक्षरधाम मंदिर ट्रस्ट, तिरुपति, विभिन्न होटलों, बैंक्वेट हॉल, निजी अस्पतालों और डॉक्टर्स फॉर यू जैसे गैर सरकारी संगठनों से हमें जबरदस्त समर्थन मिला।
सिसोदिया ने कहा, जून के पहले सप्ताह में कोरोना के मामलों में अचानक वृद्धि हुई थी। बेड और जांच की कमी पड़ गई थी। मुख्यमंत्री ने तुरंत कदम उठाते हुए कुछ बड़े अस्पतालों में 40 प्रतिशत बेड को कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित कर दिया और जीटीबी जैसे बड़े अस्पतालों को कोविड अस्पताल घोषित कर दिया।
दिल्ली सरकार ने होटलों को अस्पतालों में परिवर्तित किया है। बेड की कमी को देखते हुए इन होटलों में करीब 3500 बेड तैयार किए गए हैं। राज्य सरकार का दावा है कि दिल्ली में बेड की कोई कमी नहीं है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना जांच का दायरा बढ़ाते हुए हमने केंद्र सरकार से सहायता मांगी और उन्होंने रैपिड टेस्ट करने के लिए किट देकर हमारी मदद की। तब से, परीक्षण में 4 गुना की वृद्धि हुई है। केंद्र सरकार ने हमें ऑक्सीजन सिलेंडर भी मुहैया कराए हैं। राधा स्वामी कोविड सेंटर के लिए आईटीबीपी के डॉक्टर और नर्स दिए और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी दिलाया।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री का मानना है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत बड़ी है और कोई भी व्यक्ति या एजेंसी इससे अकेले नहीं निपट सकती है। इस भावना के साथ मुख्यमंत्री सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं और उनके प्रयासों से सफलता मिल भी रही है। पिछले सप्ताह से चीजों को स्थिर होते देख रहे हैं। मरीजों के ठीक होने की दर 62 प्रतिशत तक बढ़ गई है। दिल्ली में आज बीमार होने वालों की अपेक्षा ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। मौतों की संख्या में कमी आ रही है। पॉजिटिव केस की दर तेजी से घट रही है।”
— आईएएनएस
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