नई दिल्ली: औद्योगिक संस्था एसोचैम ने मंगलवार को पेट्रोलियम उत्पादों और रियल एस्टेट को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग की।
एसोचैम में महासचिव, दीपक सूद के अनुसार, पेट्रोलियम उत्पादों और रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए राज्यों को हर हाल में राय में लिया जाए।
मौजूदा समय में जीएसटी परिषद इस मुद्दे पर कोई निर्णय ले सकती है।
सूद ने कहा, “एसोचैम पेट्रोलियम उत्पादों और रियल एस्टेट के लिए एक राष्ट्र एक कर की वकालत करता आ रहा है।”
उन्होंने कहा, “राज्यों को हर हाल में राय में लिया जाए, क्योंकि इस कदम से उपभोग की मांग बढ़ाकर और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को लाभकारी बनाकर देश को अपार मदद मिलेगा।”
सूद ने कहा, “मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद और अहमदाबाद जैसे प्रमुख आर्थिक हब कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या से जूझ रहे हैं। अर्थव्यवस्था को अनलॉक करने के बाद भी कई राज्य प्रतिबंध बरकरार रखने, सार्वजनिक स्वास्थ्य इमर्जेसीज पर दोगुना दबाव बनाने वाणिज्यिक गतिविधियों के प्रमुख रूप से या आंशिक रूप से बंद रखने को मजबूर हैं।”
उन्होंने कहा है, “इसके कारण सरकार और कारोबारियों पर एक भारी वित्तीय दबाव पड़ रहा है। एक लाख करोड़ रुपये के मासिक जीएसटी संग्रह के बदले यह घटकर आधा हो गया है।”
–आईएएनएस
और भी हैं
अदाणी ग्रुप अमेरिका में एनर्जी सिक्योरिटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 10 अरब डॉलर करेगा निवेश
एनटीपीसी और ओएनजीसी ग्रीन एनर्जी सेक्टर में कारोबार के लिए बनाएंगी ज्वाइंट वेंचर
आंध्र प्रदेश में निवेश के लिए यह सबसे अच्छा समय है : चंद्रबाबू नायडू