कोलकाता: एटीके-मोहन बागान के बोर्ड ने हरे और लाल रंग की जर्सी को बरकरार रखने का शुक्रवार को फैसला किया ताकि फुटबाल क्लब की विरासत का पर्याय बनी रहे। एक बयान में कहा गया है कि क्लब का नाम बदलकर एटीके मोहन बागान कर दिया गया है जबकि लोगो में मोहन बागान की पहचान-नाव को बरकरार रखा गया है और उसके पास ‘एटीके’ शब्द लिख दिया गया है।
बयान के अनुसार, ” उस संस्कृति और परंपरा को बरकरार रखा गया है जिसने ब्रांड को एक घरेलू नाम बनाया है। लोगो में भी इस पहचान को बरकरार रखा गया है। क्लब ने बंगाल में एक विश्व स्तरीय फुटबॉल अकादमी बनाने और मोहन बागान की मौजूदा सुविधाओं को फिर से शुरू करने की योजना की घोषणा की ताकि आईएसएल और एएफसी टूर्नामेंट के घरेलू मुकाबले यहां खेले जा सकें।”
तीन बार के आईएसएल चैंपियन एटीके और आई-लीग विजेता मोहन बागान इस साल जनवरी में एक हुए थे और एटीके मालिक गोयनक ने मोहन बागान में 80 प्रतिशत साझेदारी खरीदी है।
टीम के प्रमुख मालिक संजीव गोयनका ने कहा, ” मोहन बागान बचपन से ही मेरे दिल के करीब रहा है। मुझे हरे और लाल रंग की जर्सी में उनके बेहतरीन फुटबाल के खेल का लुत्फ उठाने का सम्मान मिला है। हमने विरासत का सम्मान करते हुए उसी जर्सी को बरकरार रखा है, जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी पसंद किया गया।”
उन्होंने कहा, ” मेरा सपना एटीके मोहन बागान को विश्व स्तर की टीम के रूप में स्थापित करना है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बना सके।”
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और एटीके के सह-मालिक एवं बोर्ड निदेशक सौरव गांगुली ने भी इस ऑनलाइन बैठक में भाग लिया।
गांगुली ने कहा, ” मैं एटीके और मोहन बागान के एक साथ आने को सैल्यूट करता हूं। ब्रांड नाम एटीके मोहन बागान इतिहास बनाएगा।”
– -आईएएनएस
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