नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पांच साल पहले आज के ही दिन यानी 15 जुलाई को स्किल इंडिया मिशन शुरू किया गया था। आज पांच करोड़ से ज्यादा लोगों का स्किल डेवलपमेंट किया जा चुका है और यह अभियान निरंतर जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्किल सिर्फ रोजी-रोटी और पैसे कमाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह स्किल के प्रति आकर्षण, जीने की ताकत देता है और जीने का उत्साह देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को वल्र्ड यूथ स्किल डे को संबोधित करते हुए कहा, “देशभर में सैकड़ों प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र खोले गए। आईआईटीज की संख्या बढ़ाई गई, उसमें लाखों नई सीट्स जोड़ी गई। इस दौरान पांच करोड़ से ज्यादा लोगों का स्किल डेवलपमेंट किया जा चुका है और यह अभियान निरंतर जारी है।”
मोदी ने कहा, “तेजी से बदलती हुई आज की दुनिया में अनेक सेक्टरों में लाखों स्किल्ड लोगों की जरूरत है। विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं में तो बहुत बड़ी संभावनाएं बन रही हैं। यही समझते हुए अब कौशल विकास मंत्रालय ने दुनिया भर में बन रहे इन अवसरों की मैपिंग शुरू की है। कोशिश यही है कि भारत के युवा को अन्य देशों की जरूरतों के बारे में, उसके संबंध में भी सही और सटीक जानकारी मिल सके।”
प्रधानमंत्री मोदी ने स्किल का अर्थ समझाते हुए कहा, “इसका अर्थ है कि आप कोई नया हुनर सीखें। जैसे कि आपने लकड़ी के एक टुकड़े से कुर्सी बनाना सीखा तो यह आपका हुनर हुआ। आपने लकड़ी के उस टुकड़े की कीमत भी बढ़ा दी। स्किल की यह ताकत जो है, इंसान को कहां से कहां पहुंचा सकती है। साथियों एक सफल व्यक्ति की बहुत बड़ी निशानी होती है कि वह अपनी स्किल बढ़ाने का कोई भी मौका जाने न दे।”
उन्होंने कहा कि “स्किल के प्रति अगर आप में आकर्षण नहीं है, कुछ नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है। एक रुकावट-सी महसूस होती है। एक प्रकार से वह व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को, अपनी पर्सनलिटी को ही बोझ बना लेता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “कुछ लोग नॉलेज और स्किल को लेकर के हमेशा कंफ्यूजन में रहते हैं, या कंफ्यूजन पैदा करते हैं। कोरोना के इस संकट ने वल्र्ड कल्चर के साथ ही नेचर ऑफ जॉब को भी बदलकर रख दिया है। बदलती हुई नित्य नूतन टेक्नोलॉजी ने भी उस पर प्रभाव पैदा किया है।”
–आईएएनएस
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