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पॉपुलर फ्रंट ने उत्तर प्रदेश में मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारियों और निर्दोषों को परेशान किए जाने की निंदा की

नई दिल्ली: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नॉर्थ ज़ोन के अध्यक्ष ए.एस. इस्माईल ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा राम जन्म भूमि पूजा के नाम पर राज्य में बड़े पैमाने पर मुस्लिम परिवारों को परेशान किए जाने और मुस्लिम युवकों की गैरकानूनी गिरफ्तारी की निंदा की।

उत्तर प्रदेश में निर्दोष मुसलमानों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित तथा गिरफ्तार किया जा रहा है। लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में दर्जनों मुस्लिम युवकों को 4 अगस्त की आधी रात को बातचीत के बहाने बुलाया गया और फिर उन्हें निवारक हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने उनके परिवारों को डराया धमकाया। उनमें से 6 लोगों को अब तक रिहा नहीं किया गया है। अब यह बताया जा रहा है कि उनमें से चार लोगों डॉक्टर अलीम, क़मरुद्दीन, साहिबे आलम और मजीद को समुदायों के बीच असामंजस्य का कारण बनने के आरोप में रिमांड पर भेज दिया गया है। इसे केवल मुसलमानों को अन्याय के खिलाफ बोलने से रोकने का प्रयास समझा जा सकता है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर और शामली जैसे जिलों में पुलिस ने रात के समय मुसलमानों के घरों पर धावा बोल दिया और बाबरी मस्जिद के लिए प्रदर्शन करने को लेकर परिवारों को डराया धमकाया। पॉपुलर फ्रंट इन गिरफ्तारियों और प्रताड़ना की निंदा करता है। योगी सरकार पुलिस को जनता के खिलाफ गुंडों की तरह इस्तेमाल कर रही है और उन्हें डरा-धमका कर उनके लोकतांत्रिक अधिकार छीन रही है।

पॉपुलर फ्रंट प्रदेश एड्हॉक कमेटी के सदस्य नदीम को जो अभी हिरासत में हैं, पुलिस ने अमानवीय प्रताड़ना का शिकार बनाया। 3 दिनों के बाद भी न तो उन्हें रिमांड पर भेजा गया और न ही रिहा किया गया। यह योगी पुलिस द्वारा मानव अधिकारों का खुला उल्लंघन है। पॉपुलर फ्रंट सभी गिरफ्तार मुस्लिम युवकों की तत्काल रिहाई और नदीम को प्रताड़ित करने में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करता है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि पॉपुलर फ्रंट इस तानाशाही के खिलाफ कानूनी एवं लोकतांत्रिक तरीकों से लड़ाई लड़ेगा। साथ ही हम देश के लोकतांत्रिक समाज से अपील करते हैं कि वह अपनी चुप्पी तोड़े और उत्तर प्रदेश में जारी अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाए।

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