नई दिल्ली| दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने बुधवार को जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों और दिल्ली में बिजली सप्लाई देने वाली तीन कंपनियों, बीएसईएस यमुना, बीएसईएस राजधानी और टाटा पावर के टॉप मैनेजमेंट के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में दिल्ली जल बोर्ड के महत्वाकांक्षी फ्लो मीटर प्रोजेक्ट के लिए बिजली कनेक्शन से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई। जल बोर्ड उपाध्यक्ष ने बिजली कनेक्शन न मिलने की वजह से काम नहीं कर रहे फ्लो मीटर्स के लिए जल्द कनेक्शन लगाने और फ्लो मीटर्स को शुरू करने को कहा। साथ ही इसके लिए एक कमेटी बनाने का भी निर्देश दिया।
फ्लो मीटर्स से किसी निश्चित जगह से पाइपलाइन से होने वाले पानी की सप्लाई का पता लगाया जाता है। इससे पाइपलाइन में किसी लीकेज या पानी की चोरी का पता लगाया जा सकता है।
बैठक में जल बोर्ड उपाध्यक्ष ने कहा, “कोरोना के इस दौर में भी इस बैठक को बुलाने से आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि फ्लो मीटर्स का प्रोजेक्ट दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड के लिए कितना अहम है। हमारा लक्ष्य है कि 30 अक्टूबर तक दिल्ली में सभी फ्लो मीटर्स लग जाने चाहिए। फिलहाल जो भी फ्लो मीटर्स बिजली के कनेक्शन नहीं होने की वजह से अभी काम नहीं कर रहे हैं उनके लिए तीनों कंपनियां जल्द से जल्द बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया पूरी करें, ताकि ये प्रोजेक्ट तय समयसीमा में पूरा किया जा सके।”
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने बिजली कंपनियों को 794 फ्लो मीटर्स के लिए बिजली कनेक्शन का काम तेजी से करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “फ्लो मीटर्स के काम शुरू करने से वॉटर ऑडिटिंग का काम आसान हो जाएगा। दिल्ली में पानी के मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव लाना दिल्ली जल बोर्ड का लक्ष्य है।”
राघव चड्ढा ने निर्देश दिया कि फ्लो मीटर्स के बिजली कनेक्शन के लिए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी और संबंधित बिजली कंपनी के अधिकारी एक साथ दौरा करेंगे और कनेक्शन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करेंगे।
1 अक्टूबर को दिल्ली जल बोर्ड में हुई एक अहम बैठक में राघव चड्ढा ने अधिकारियों से अब तक लगाए गए सभी 3004 प्राइमरी और सेकेंडरी फ्लो मीटर की जानकारी ली थी। प्रस्तावित 3329 फ्लो मीटर्स में से बचे 325 मीटर्स को 30 अक्टूबर तक लगाने का निर्देश दिया था। साथ ही ये निर्देश भी दिया था कि इन सभी फ्लो मीटर्स को जल्द से जल्द केंद्रीय कंट्रोल सेंटर से लिंक किया जाए।
यह सेंटर, दिल्ली जल बोर्ड का एक ऐसा अत्याधुनिक मॉनिटरिंग सिस्टम है, जिसमें दिल्ली जल बोर्ड के हेडऑफिस से बैठे हुए ये पता लगाया जा सकता है कि पूरे पाइपलाइन में कहां से कितना पानी कब सप्लाई हुआ और कितनी लीकेज या चोरी हुई।
फ्लो मीटर्स से वॉटर ऑडिट करने और पानी की बर्बादी कम करने में मदद मिलती है। पानी की कमी के इस दौर में फ्लो मीटर्स पानी के सही मैनेजमेंट में भी काफी मददगार होते हैं और इनसे पानी के किसी संभावित लीकेज का भी पता लगाया जा सकता है।
— आईएएनएस
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